(www.arya-tv.com)माइक्रोसॉफ्ट का इंटरनेट एक्सप्लोरर वेब ब्राउजर 26 साल के सफर के बाद रिटायर होने जा रहा है। 15 जून 2022 के बाद यह इतिहास बन जाएगा। बिल गेट्स की कंपनी ने इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी है। एक्सप्लोरर के बंद होने के बाद माइक्रोसॉफ्ट एज उसकी जगह लेगा। इंटरनेट एक्सप्लोरर माइक्रोसॉफ्ट का पहला सबसे सफल ब्राउजर रहा। इसके अलावा यह पहला मुफ्त ब्राउजर था, जिसे लोगों ने हाथों-हाथ लिया और उसने इंटरनेट की दुनिया ही बदल डाली।
लॉन्चिंग के बाद करीब 10 सालों तक दुनिया के 95% यूजर इसका इस्तेमाल करते थे। लेकिन वर्तमान में इसके यूजर्स 10 फीसदी भी नहीं बचे हैं। दरअसल, जब यह लॉन्च हुआ, तब कम लोगों के पास इंटरनेट था। उन्हें भी काम करने में समस्याएं होती थी। इस ब्राउजर के आने के बाद काम आसान हो गया।
इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई। पुलिस को रिकॉर्डस निकालने में, छात्रों को पढ़ाई की सामग्री मुहैया करवाने में इसने बहुत बड़ी भूमिका निभाई। फिर बाजार में कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आए। जिसके बाद इसका इस्तेमाल बढ़ा। सरकारी एजेंसियों और वित्तीय संस्थानों के बारे में कहा जाता है कि वे अभी भी इंटरनेट एक्सप्लोरर का उपयोग कर रहे हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने इसे 16 अगस्त 1995 को रिलीज किया था।
इसके बाद 2002 में मोजिला फायरफॉक्स लॉन्च हुआ, जिसने एक्सप्लोरर की लोकप्रियता घटाई। इस दौरान एक्सप्लोरर के यूजर्स 50% रह गए थे। फिर 2008 में गूगल क्रोम लॉन्च हुआ, जिसने एक्सप्लोरर को खत्म ही कर दिया। दुनिया में आज सबसे ज्यादा यूजर्स गूगल क्रोम के ही हैं।
67% गूगल क्रोम तो सिर्फ 2.5% ओपेरा ब्राउजर यूजर
गूगल क्रोम 67.63 मोजिला फायरफॉक्स 10.97 इंटरनेट एक्सप्लोरर 7.02 एपल सफारी 5.13 माइक्रोसॉफ्ट एज 4.24 ओपेरा 2.48
क्यों बंद होगा: अपडेट नहीं किया, ट्रांसलेशन, एक्सटेंशन सुविधा भी नहीं
इंटरनेट एक्सप्लोरर दुनिया के सभी कंप्यूटर और लैपटॉप में पहले से इंस्टॉल्ड आता है। लेकिन गूगल क्रोम और मोजिला फायरफॉक्स ने खुद को लगातार अपडेट किया। क्रोम में गूगल ट्रांसलेशन, बहुत सारे एक्सटेंशन और कई मोड हैं। बहुत सारी चीजें वहीं एक क्लिक पर पूरी हो जाती हैं। वहीं, एक्सप्लोरर में ये सुविधाएं नहीं हैं।