…तो जूनागढ़ जाने के लिए वीजा लगता, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐसा क्‍यों कहा? जानें अंदर की बात

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com)  लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की148वीं जयंती आज मनाई जा रही है. इस मौके पर राष्ट्रीय एकता दिवस घोष‍ित कर रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया जा रहा है. लखनऊ में भी केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दौड़ को हरी झंडी दिखाई. इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा,’ सरदार पटेल की दूरदर्शिता, कूटनीतिक क्षमता से भारत का एकीकरण हुआ. जम्मू कश्मीर के विलय का जिम्मा सरदार पटेल को सौंपा गया होता, तो धारा 370 नहीं लगती.’

रक्षामंत्री ने कहा कि सरदार पटेल न होते तो जूनागढ़, हैदराबाद जाने के लिए वीजा लगता. सिविल सर्विस का फ्रेम भी सरदार पटेल ने दिया. 2014 के बाद सरदार पटेल को पूरा सम्मान मिला. पीएम मोदी नरेंद्र मोदी ने केवड़िया गुजरात में सरदार पटेल की 182 फीट ऊंची मूर्ति बनवाई. गुजरात जाईए तो सरदार पटेल की उस प्रतिमा को जरूर देखिए.

इंदिरा गांधी को भी श्रद्धांजलि

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से युवाओं के लिए जो कार्यक्रम लॉन्च कर रहे हैं, उससे युवा जरूर जुड़ें. इंदिरा गांधी का आज बलिदान दिवस है. मैं उनको भी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. देश के पहले गृह मंत्री ‘भारत रत्न’ सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की जयंती एकता दिवस पर यहां आयोजित रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की मौजूदगी में हरी झंडी दिखाने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘स्‍वतंत्र भारत को एक भारत बनाने में सरदार पटेल की जो भूमिका रही उसे प्रमुखता से देश की जनता के सामने नहीं आने दिया गया. यह कुछ लोगों तक ही भारत में सीमित रखा गया.’

उन्होंने कहा, ‘पिछले 10 सालों से हम सरदार पटेल को वह सम्मान दिलाने का प्रयास कर रहे हैं, जिसके वह सच्चे हकदार रहे हैं. 2013 में नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित हुए थे, उस साल भारतीय जनता पार्टी ने यह कार्यक्रम आयोजित किया था और उस समय मैंने कार्यक्रम को हरी झंडी दिखायी थी. आज 10 साल बाद बतौर रक्षा मंत्री ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम को हरी झंडी दिखा रहा हूं. यह कार्यक्रम इसलिए आयोजित किया जाता है क्योंकि देश के युवा सरदार पटेल के महत्व को समझ सकें और उनसे प्रेरणा लेकर भारत की एकता और अखंडता का संदेश जनता के बीच पहुंचाएं.’