भारत और वेस्टइंडीज के बीच चेन्नई में खेले गए पहले वनडे मुकाबले में भारतीय पारी के दौरान जॉर्ज ने जडेजा को शुरुआत में तो रन आउट नहीं दिया था, लेकिन कैरेबियाई खिलाड़ियों के विरोध के बाद उन्होंने यह मामला तीसरे अंपायर के हवाले किए, जिसके बाद जडेजा आउट दिए गए। मैच के बाद जहां भारतीय कप्तान विराट कोहली ड्रेसिंग रूम में काफी नाराज नजर आए तो कैरेबियाई कप्तान कीरोन पोलार्ड की राय थी कि जो भी हुआ सही हुआ।
दरअसल, टॉस गंवाकर भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी कर रही थी। चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में भारतीय पारी के 48वें ओवर में जडेजा ने तेजी से एक रन चुराने की कोशिश की लेकिन फील्डर ने तेजी दिखाते नॉन-स्ट्राइकर जोन पर विकेट पर सीधा थ्रो मारा। हालांकि, अंपायर शॉन जॉर्ज ने शुरुआत में उन्हें आउट नहीं दिया, लेकिन रिव्यू में देखा गया कि जडेजा अपनी क्रीज तक नहीं पहुंच पाए थे। हालांकि वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों ने कोई जोरदार अपील नहीं की थी।मैदान पर मौजूद अंपायर ने काफी देर से तीसरे अंपायर से निर्णय पूछा। हालांकि तब तक स्क्रीन पर पूरा घटनाक्रम दिखाया जा चुका था। रोस्टन चेज ने मिड-विकेट से सीधा थ्रो विकेट में मारा था, उन्होंने अंपायर से अपील भी की थी, लेकिन अंपायर ने आउट नहीं दिया था।
कुछ सेकंड बाद मैदान पर लगी बड़ी स्क्रीन में रीप्ले दिखाया गया, इसमें पता चल रहा था कि जडेजा आउट थे फिर कीरोन पोलार्ड ने अंपायर शान जॉर्ज से संपर्क किया और तीसरे अंपायर से मदद लेने की अपील की। इसके बाद शान जॉर्ज के पूछने पर तीसरे अंपायर ने जडेजा को आउट करार दिया।
मैदानी अंपायर ने काफी देर से रन-आउट दिया जिससे कोहली खुश नहीं थे। पूरे मामले में दोनों कप्तानों की राय भी अलग-अलग दिखी। कोहली ने मैच के बाद कहा, ‘फील्डर ने अपील की और अंपायर ने नॉट आउट करार दिया। मामला यहीं खत्म हो जाता है। मैदान के बाहर बैठे लोग यह तय नहीं कर सकते की वहां क्या हुआ। मैंने पहले कभी ऐसा नहीं देखा।’
वहीं, कीरोन पोलार्ड ने कहा, ‘जो भी हुआ, उसमें सबसे अहम बात यह है कि आखिर अंत में सही निर्णय लिया गया। मेरे लिए यही सबसे महत्वपूर्ण बात है इसलिए हम कह सकते हैं कि जो भी हुआ, सही हुआ। यहां यह बताना जरूरी हो जाता है कि, भारत ने पहले बैटिंग करते हुए 287/8 का स्कोर बनाया। जवाब में हेटमेयर और होप के शतकों के बूते वेस्टइंडीज ने भारत को आठ विकेट से रौंदा।
