इंडस्ट्री विभाग के अधिकारियों ने प्लॉट आवंटन में की गड़बड़ी: होंगे सस्पेंड

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(www.arya-tv.com) भू-माफिया के बाद अब सरकारी अधिकारियों पर भी योगी सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। फर्जी तरीके से इंडस्ट्री विभाग प्लाट देने वाले मैनेजर सस्पेंड होंगे। दो दिन पहले एक अधिकारी के सस्पेंड होने के बाद तीन अन्य अधिकारी भी जांच में गड़बड़ करते हुए मिले। इंडस्ट्री विभाग के अधिकारियों का कहना है कि योगी सरकार के मिशन क्लीन के तहत यह कार्रवाई होने जा रहा है। तीन रीजनल मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इन लोगों ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में गड़बड़ी की है।

बताया जा रहा है कि सभी पर पहले से जांच चल रही है। जांच में यह लोग दोषी पाए गए हैं। जल्द ही शासन स्तर से अनुमोदन मिलने के बाद यह कार्रवाई की जाएगी। अप्रैल महीने में यह कार्रवाई तय है। विभाग के मंत्री नंद गोपाल नंदी ने भी इसको लेकर अपनी हरी झंडी पहले ही दे दी है।

10 प्लॉट के आवंटन कर डाली हेराफेरी

बताया जा रहा है कि यह सभी रीजनल मैनेजर यूपीसीडा से है। इसमें एक मैनेजर पर अकेले 10 प्लांट के आवंटन में गड़बड़ी करने का आरोप है। इसकी जांच शासन स्तर पर हुई है। इसमें मैनेजर दोषी पाया गया है। बताया जा रहा है कि एक मैनेजर विभाग के सबसे मलाई दार पोस्ट पर तैनात था। वह गड़बड़ी करते हुए मिला है। उम्मीद है कि इसके तार शासन स्तर पर भी कई बड़े अधिकारियों से जुड़े है। ऐसे में उसके खिलाफ कार्रवाई कर बड़े अधिकारियों को भी टारगेट करने का प्लान है। सूत्रों के मुताबिक सभी जांच अंतिम चरण में हैं। ऐसे में दोषियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है।

मंत्री ने कहा था किसी को नहीं छोड़ा जाएगा

विभाग में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ पहले ही मंत्री नंद गोपाल नंदी सख्त कदम उठाने का आदेश जारी कर चुके हैं। विभाग की कमान संभालने के बाद औद्योगिक विकास ने भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का फरमान जारी किया था। इस क्रम में सोमवार को औद्योगिक विकास विभाग ने ग्रेटर नोएडा की पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक निमिषा शर्मा को सस्पेंड किया। इसमें पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक ने निवेशक को एक ऐसा प्लौट आवंटित कर दिया था, जो अस्तित्व में था ही नहीं। इसकी शिकायत मिलने के बाद जांच करवाई गई। जिसमें दोषी पाए जाने के बाद उनको सस्पेंड किया गया है।