(www.arya-tv.com) भारतीय हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास संस्थापन (एडीआरडीई) ने भारतीय जवानों को युद्ध के दौरान सैन्य उपकरण पहुंचाने के लिए देश का पहला मानव रहित स्वदेशी पैराशूट विकसित किया है। इस पैराशूट को एएन-32 विमान से पांच हजार मीटर की ऊंचाई से मलपुरा ड्रापिंग जोन में सफल परीक्षण किया गया। यह कंट्रोल्ड एरियल डिलीवरी सिस्टम-500 (सीएडीएस) है और दुनिया में अमेरिका ही ऐसा सिस्टम विकसित कर पाया है।
एडीआरडीई के निदेशक और वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एके सक्सेना ने बताया कि अभी तक मानव रहित स्वदेशी सिस्टम नहीं था। जिसे देखते हुए इस तरीके का सिस्टम विकसित किया गया है। सिस्टम का वजन 15 किग्रा है। इसमें एक ही पैराशूट का इस्तेमाल किया गया है। इस सिस्टम में वे प्वाइंट नेवीगेशन लगा हुआ है जिसमें हेडिंग सेंसर के माध्यम से कितना भी खराब मौसम हो या फिर तेज हवा चल रही हो। सटीक जगह पर ही इसकी लैंडिंग होती है। सैन्य उपकरण को प्लेटफार्म के ऊपर रखा जाएगा। इन सबक का वजन 500 किग्रा से अधिक नहीं होना चाहिए।
एएन विमान से 11 पैराट्रूपर्स ने लगाई छलांग
शनिवार को कर्नल संदीप प्रताप की अगुआई में मलपुरा ड्रापिंग जोन में एएन-32 विमान से सीएडीएस-500 के साथ ही 11 पैराट्रूपर्स ने भी छलांग लगाई। मुख्य टेस्ट जंपर विंग कमांडर लोकेश भी शामिल रहे। बता दें, इस सिस्टम का डिजाइन वरिष्ठ वैज्ञानिक मनीष भटनागर, अजीत गौड़, ले. कर्नल अनुज कुमार ने तैयार किया है।
भारत ने पाकिस्तान और चीन के साथ हुए युद्धों से सबक लिया है। युद्ध में अक्सर रसद सामग्री या फिर सैन्य उपकरणों की कमी हो जाती है। इसका सीधा असर सैनिकों पर पड़ता है। सैनिकों को किसी तरीके की कमी न हो, इसके लिए सीएडीएस-500 को विकसित किया गया है।
सीएडीएस-1000 को कर रही है विकसित
एडीआरडीई की टीम सीएडीएस-1000 को विकसित कर रही है। इस सिस्टम की खासियत यह है कि एक हजार किग्रा का वजन लेकर कहीं पर भी उतर सकता है।