भारतीय टीम टोक्यो ओलिंपिक में मेडल की बड़ी दावेदार ;मनप्रीत

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(www.arya-tv.com)भारतीय हॉकी पुरुष टीम ओलिंपिक में 8 बार गोल्ड मेडल जीत चुकी है। इसके अलावा दो बार ब्रॉन्ज और एक बार सिल्वर मेडल भी जीती है। आखिरी बार 1980 में मॉस्को ओलिंपिक में टीम ने गोल्ड मेडल जीता था। इस बार टोक्यो ओलिंपिक में टीम की कप्तानी मिडफील्डर मनप्रीत सिंह करेंगे। मनप्रीत का यह तीसरा ओलिंपिक होगा।

मनप्रीत की कप्तानी में भारतीय टीम ने 2017 एशिया कप, 2018 एशियन चैंपियंस ट्रॉफी और 2019 में FIH सीरीज का फाइनल जीता था। इनके नेतृत्व में ही टीम 2018 वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी।

मनप्रीत का मानना है कि भारतीय टीम मेडल जीतने में सक्षम है। इस बार 41 साल का ओलिंपिक में मेडल जीतने का सूखा खत्म होगा। हाल में भारतीय टीम इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स में खुद को साबित भी कर चुकी है। भारतीय हॉकी टीम की तैयारियों को लेकर दैनिक भास्कर ने मनप्रीत से बात की…

  • 1980 मॉस्को ओलिंपिक के बाद भारतीय पुरुष टीम ने ओलिंपिक में मेडल नहीं जीते हैं? क्या आपको लगता है कि भारतीय टीम मेडल जीत सकेगी?

जी, इस बार पूरी उम्मीद है कि ओलिंपिक में हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे और 1980 के बाद हम मेडल जीतने में सफल होंगे। टीम की तैयारी शानदार है। पिछले कुछ बड़े टूर्नामेंट में टीम शानदार प्रदर्शन कर यह साबित भी कर चुकी है। टीम में ओलिंपिक मेडल जीतने की पूरी क्षमता है।

  • हाल ही में टीम ने जर्मनी और फिर अर्जेंटीना का दौरा किया, इसका ओलिंपिक की तैयारी में टीम को कितना फायदा मिलेगा?

अर्जेंटीना दौरे या उससे पहले जर्मनी दौरे का टीम को फायदा जरूर मिलेगा। जब आप अच्छी टीमों के साथ मैच खेलते हैं, तो आपको पता चलता है कि आपकी तैयारी कैसी है और आपको किन कमियों को दूर करने की जरूरत है। अर्जेंटीना के खिलाफ हमने पहले मैच में 2-1 से जीत हासिल की थी। हमने आखिरी समय में पेनाल्टी कॉर्नर बनाकर गोल किए थे। इससे पता चलता है कि हमारी टीम की माइंड सेट काफी अच्छी है। इससे पहले जर्मनी टूर पर भी टीम का प्रदर्शन काफी शानदार था।

  • ओलिंपिक की तैयारी कैसी है और टीम ने किन चीजों पर फोकस किया?

हमारी ओलिंपिक की तैयारी शानदार है। हम फिटनेस पर पूरा फोकस कर रहे हैं। हमारी सबसे बड़ी दिक्कत थी कि हम आखिरी समय में गोल खा जाते थे और हम अपने लिए मौके नहीं बना पाते थे। हमने अपने डिफेंस को मजबूत करने पर फोकस किया। पिछले कुछ सालों के प्रदर्शन को देखें तो हमारा डिफेंस काफी मजबूत हुआ है। आखिरी समय में हम पेनाल्टी कॉर्नर बनाने में भी सफल हुए हैं। हमारे पास हरमनप्रीत सिंह, रुपिंदर पाल सिंह, अमित रोहिदास जैसे ड्रैग फ्लिकर हैं, जो पेनाल्टी कॉर्नर से गोल करने में सक्षम हैं।

  • आखिरी समय में टीम गोल न खाए, इसके लिए किस रणनीति पर काम किया?

टीम मैच के आखिरी समय में गोल न खाए, इसके लिए हमने अलग से रणनीति बनाई है। हमने डिफेंस को मजबूत करने के लिए तकनीक पर बहुत ज्यादा काम किया। डिफेंस को किस साइड में बॉल रखना है। उन्हें अपने सर्कल में किस तरह पेनाल्टी न हो, इससे बचना है। मैच के आखिरी समय में यानी 5-10 मिनट पहले डिफेंस की कोशिश हो कि गेंद अपने सर्कल में ज्यादा देर न रखें और इसे तुरंत विपक्षी टीम के सर्कल में ले जाएं। इस रणनीति को लेकर हमने प्रैक्टिस की और अपने को मानसिक रूप से मजबूत करने पर फोकस किया।

  • आप और टीम के कुछ खिलाड़ी कोरोना संक्रमित हो गए थे? ऐसे में तैयारी पर क्या प्रभाव पड़ा?

पिछले साल मैं और टीम के कई खिलाड़ी कोरोना संक्रमित हो गए थे। वह कोरोना का शुरुआती दौर था। ऐसे में हमें उस समय कुछ भी पता नहीं था। हमें करीब दो से ढाई महीने रिकवर होने में लगे। उस दौरान टीम की प्रॉपर तैयारी नहीं हो पाई। हालांकि जो खिलाड़ी संक्रमित नहीं थे, उन्होंने फिटनेस पर काम जरूर किया। अब कोई कोरोना संक्रमित होता है तो एक हफ्ते में रिकवर हो जाता है।

  • ओलिंपिक से पहले ट्रेनिंग के लिए टीम ने क्या रणनीति तैयार की?

अभी हम बेंगलुरु में तैयारी कर रहे हैं। हमारी कोशिश होगी कि ओलिंपिक से कुछ दिन पहले ऐसी जगह पर जाकर ट्रेनिंग करें, जहां का वेदर ज्यादा गर्म हो, क्योंकि टोक्यो का तापमान ज्यादा गर्म होगा, ऐसे में हमारी कोशिश होगी कि ओलिंपिक से पहले टीम ऐसे माहौल में ढल सके।

ओलिंपिक के लिए 16 सदस्यीय टीम इंडिया

  • गोलकीपर: पीआर श्रीजेश
  • डिफेंडर्स: हरमनप्रीत सिंह, रुपिंदर पाल सिंह, सुरेंद्र कुमार, अमित रोहिदास, बीरेंद्र लाकड़ा।
  • मिडफील्डर्स: हार्दिक सिंह, मनप्रीत सिंह, विवेक सागर प्रसाद, निलकांत शर्मा, सुमित।
  • फॉरवर्ड्स: शमशेर सिंह, दिलप्रीत सिंह, गुरजंत सिंह, ललित कुमार उपाध्याय, मंदीप सिंह।
  • स्टैंडबाय: कृष्ण पाठक (गोलकीपर), वरुण कुमार (डिफेंडर), सिमरनजीत सिंह (मिडफील्डर)।