तम्बाकू के निर्यात में भारत ने मारी 87% की छलांग, फायदे में किसान

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अभिषेक राय

(www.arya-tv.com) सरकार ने पिछले साल तम्बाकू के उत्पाद और निर्यात को लेकर कुछ अहम आंकड़े जारी किये हैं, जिसके मुताबिक तम्बाकू उद्योग के विकास को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने कई तरह की रणनीतिक चीजें शुरू की है. एक नज़र:

तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बना भारत
विश्व में चीन के बाद भारत तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. वहीं, चीन, ब्राजील और जिम्बाब्वे के बाद भारत विश्व में एफसीवी तंबाकू का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है. जबकि ब्राजील के बाद भारत अनियोजित तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है.
तम्बाकू निर्यात के कारण बड़े पैमाने पर विदेशी मुद्रा भारत आती है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 के दौरान भारत ने कुल करीब 12 हजार करोड़ रुपये का तंबाकू निर्यात हुआ. सरकार का कहना है कि पिछले 5 सालों में तंबाकू किसानों की आय में भी दोगुनी वृद्धि हुई है.

83 हजार किसानों की जिंदगी हुई बेहतर
फ्लू क्योर वर्जीनिया (FCV) तंबाकू किसानों की कमाई 2019-20 में 124 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 2023-24 में 279.54 रुपये की वृद्धि हुई है. सूत्रों के मुताबिक तम्बाकू बोर्ड के प्रयासों से लगभग 83,000 किसानों की आजीविका बेहतर हुई है.

निर्यात और उत्पादन
सरकार का दावा है कि सरकारी नीतियों और बोर्ड के प्रयासों की वजह से पिछले 5 वर्षों के दौरान निर्यात में 87% की बढ़ोतरी हुई है. 2019-20 में जो निर्यात 6,408.15 करोड़ रुपये था, वह 2023-24 में 12,005.89 करोड़ रुपये पहुंच गया. इस दौरान कुल निर्यात 218.84 मिलियन किलो से बढ़कर 315.51 मिलियन किलो हो गया.

1976 में गठित हुआ था तम्बाकू बोर्ड
तंबाकू बोर्ड की स्थापना 01 जनवरी 1976 को हुई थी. इसका मकसद तंबाकू उद्योग का समग्र विकास करना था. बोर्ड का लक्ष्य तंबाकू किसानों के लिए उचित कीमत सुनिश्चित करना और निर्यात को बढ़ावा देना था. बोर्ड के इन्हीं प्रयासों की बदौलत तम्बाकू का उत्पादन करने के लिए बैंकों के माध्यम से किसानों को वित्तीय सहायता भी मुहैया कराई जाती है.