गलवां घाटी में हिंसक झड़प, कर्नल समेत 20 जवान शहीद

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आर्य टीवी डेस्क। गलवां घाटी में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प हुई है। इसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं, जिसमें एक कर्नल भी शामिल है। चीन के 43 जवानों के हताहत होने की खबर है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 5 हफ्ते से जारी तनातनी के बाद सेना को हटाने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार देर रात बातचीत को पहुंची भारतीय सेना पर चीनी सैनिकों ने अचानक हमला कर दिया।

इसमें भारत के एक कर्नल सहित 20 जवान शहीद हो गए। सेना ने कहा है कि पहले 3 जवान शहीद हुए उसके बाद 17 जवान शहीद हो गए। अभी शहीदों की संख्या और बढ़ सकती है। इसमें बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू, हवलदार पलनी और सिपाही कुंदन ओझा शामिल हैं।

कर्नल संतोष बाबू ने बीते साल दिसंबर में ही लद्दाख में कमांडिंग अफसर की कमान संभाली थी। करीब 15000 फीट ऊंची गलवा घाटी में घंटों चली झड़प में दोनों तरफ से एक भी गोली नहीं चली। चीनी सैनिकों के हमले के बाद दोनों से झगड़ा हुआ और डंडे चले। दोनों देशों की ओर से मेजर जनरल स्थान पर बातचीत करने पहुंचे।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने देर शाम कहा कि चीन ने एलएसी पर पूर्व की स्थिति में एकतरफा बदलाव करने की कोशिश की। इसके चलते झड़प हुई भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा चीन एलएसी पर बनी सहमति से मुकर गया। इससे दोनों को नुकसान हुआ। हम मान कर चल रहे हैं कि मामले का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से निकल जाएगा।

45 साल बाद ऐसी घटना हुई है इससे पहले 1975 में उत्तर प्रदेश के मिलूंगा में 4 जवान शहीद हुए थे आपको बता दें भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में 5 मई से तनाव चल रहा है चीन की ओर से बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी गई है।

क्यों बौखलाया है चीन

सैन्य विशेषज्ञों के मुताबिक  पिछले 17 वर्ष में भारत ने श्योक गांव से गलवा घाटी होते हुए दौलत बेग ओल्डी हवाई अड्डे तक 215 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई है। सड़क अक्साई चीन की सीमा से सटी है। गलवां घाटी में कुछ ऐसे पॉइंट से गुजरती है जहां से भारत  तिब्बत पर नजर रख सकता है। यही बात चीन को पसंद नहीं आ रही है।