(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी ने एंबुलेंस केस की सुनवाई के दौरान जेल के अंदर अपने लिए टीवी की डिमांड की है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बाराबंकी की सीजेएम कोर्ट में पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को टीवी की सुविधा दी जा रही है, लेकिन मेरे बैरक में टीवी नहीं लगवाई गई। जेल में मैं तन्हाई में हूं। अगर आप आदेश कर देंगे तो मुझे जेल में टीवी की सुविधा मिल जाएगी।
सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश ने 5 जुलाई तक मुख्तार अंसारी की रिमांड बढ़ाने का आदेश दिया है, अगली सुनवाई उसी दिन होगी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान एंबुलेंस केस की विवेचना कर रहे अधिकारी मौजूद नहीं थे।
फिजियोथेरेपी भी नहीं हो रही
मुख्तार अंसारी ने सीजेएम कोर्ट में जज से यह भी कहा कि मेडिकल बोर्ड ने मुझे फिजियोथेरेपी की सलाह दी है। वह सुविधा भी बांदा जेल में मुझे नहीं दी जा रही रही है। डॉक्टरों की सलाह को बांदा का जेल और जिला प्रशासन मानने को तैयार नहीं है। राज्य सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का भी आरोप लगाया।
वहीं, सुनवाई के दौरान कोर्ट से इजाजत लेकर मुख्तार ने अपने वकील से भी बात की। पूछा कि जमानत क्यों नहीं हो रही है, इस पर वकील ने कहा कि यह लो एविडेंस केस है। ऐसा राजनीतिक कारणों से हो रहा है।
एंबुलेंस से आना जाना था मुख्तार का
जब मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था। मुख्तार को एंबुलेंस से मोहाली की कोर्ट में पेशी पर ले जाया गया था। उस समय इस एंबुलेंस का इस्तेमाल किया गया। बाराबंकी की नंबर प्लेट लगी थी। मामले ने तूल पकड़ा तो जांच में जो तथ्य निकलकर सामने आए वह चौंकाने वाले थे।
बाराबंकी में फर्जीवाड़ा कर रजिस्टर्ड कराई थी एंबुलेंस
दरअसल, फर्जी दस्तावेज के आधार पर बाराबंकी एआरटीओ में मुख्तार के गुर्गों ने 2013 में यह एंबुलेंस रजिस्टर्ड कराई थी। यह एंबुलेंस मुख्तार अपने निजी प्रयोग में ला रहा था। UP 41 AT 7171 रजिस्टर्ड नंबर की यह एंबुलेंस मुख्तार अंसारी शुरू से इस्तेमाल कर रहा था। इसी मामले में एक अप्रैल को कोतवाली नगर में मऊ की संजीवनी हॉस्पिटल संचालिका डा. अलका राय के खिलाफ मुकदमा हुआ। इसकी जांच में पुलिस ने मुख्तार अंसारी को भी साजिश और जालसाजी का आरोपी बनाया है।
साथ ही, अलका राय के सहयोगी डा. शेषनाथ राय, विधायक प्रतिनिधि मोहम्मद सुहैब मुजाहिद, शाहिद, आनंद यादव, राजनाथ यादव को नामजद किया था। इसमें अलका, शेषनाथ, आनंद यादव और राजनाथ को पुलिस जेल भेज चुकी है। मुख्तार अंसारी पहले से ही बांदा जेल में बंद है, जबकि कई आरोपी अभी भी फरार हैं। जिनकी तलाश में ही बाराबंकी पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही है।
