Arya Tv: Lucknow:
भारतीय एजुकेशन सिस्टम को लेकर कई फिल्में बनी हैं। फिल्म ‘वाय चीट इंडिया’ भी इस लिस्ट में शामिल हो गई है . यह फिल्म भारतीय शिक्षा व्यस्था की हकीकत दिखाते हुए इसकी गड़बड़ियों को दर्शको के सामने प्रस्तुत कर रही है
चीट इंडिया आखिरकार “वाय चीट इंडिया” बनकर रिलीज हो गई. इमरान पहली बार किसी ऐसी फिल्म में काम कर रहे हैं जो उनकी बनी बनाई इमेज से अलग है.
अगर किरदार की बात करें तो इमरान हाशमी का फिल्म में नेगेटिव ग्रे कैरेक्टर है जिसके लिए वह जाने जाते हैं। लेकिन फिल्म में नेगेटिव ग्रे कैरेक्टर क्रिमिनल लेवल पर ज्यादा ग्रे नजर आता है। और इस कारण से दर्शकों की सहानुभूती हासिल करने में कमजोर लगता है। इस किरदार से कनेक्ट भी बीच-बीच में कई बार टूट जाता है।
फिल्म की कहानी
फिल्म वाय चीट इंडिया में चीटिंग माफिया का पर्दाफाश किया गया है कि वह किस प्रकार दीमक की तरह एजुकेशन सिस्टम को खराब करता है।
कहानी राकेश सिंह उर्फ रॉकी की है जो पारिवारिक समस्या और मजबूरियों के कारण चीटिंग माफिया बन जाता है। वह गलत राह पर निकल पड़ता है और इसे वह खुदके साथ दूसरों के लिए भी सही मानने लगता है।
वह एजुकेशन सिस्टम की खामियों का फायदा उठाता है। गरीब मेधावी छात्रों की बुद्धि और योग्यता का इस्तेमाल करके वह अमीर बच्चों को एक्जाम में पास करवाता है और फिर उनके माता-पिता से पैसे बसूलता है।