(www.arya-tv.com) एक तरफ जहां भारत सरकार का आम बजट 1 फरवरी को पेश होने वाला है वहीं दूसरी तरफ न्यूयार्क टाइम्स के हवाले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। एनवाईटी ने अपनी खबर में कहा है कि वर्ष 2017 में भारत सरकार ने इजरायल से हुई दो अरब डालर की डिफेंस डील के तहत इजरायली स्पाइवेयर पेगासस और एक मिसाइल प्रणाली खरीदी थी।
आपको बता दें कि पेगासस को लेकर पिछले वर्ष संसद और राजनीतिक गलियारों में जबरदस्त हंगामा हुआ था। उस वक्त पेगासस के जरिए फोन टेपिंग का मामला काफी उछला था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने सरकार को कटघरे में लाते हुए आरोप लगाया था कि उनका फोन टेप किया जा रहा है।
पेगासस को लेकर विवाद केवल भारत में ही नहीं बल्कि कई देशों में शुरू हुआ था। एक रिपोर्ट में बताया गया था कि कई देशों की सरकारों ने अपने यहां के पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और अन्य लोगों की जासूसी के लिए कथित तौर पर पेगासस का इस्तेमाल किया था। गौरतलब है कि यह स्पाइवेयर इजरायल का NSO ग्रुप बनाता है।
एनवाईटी की खबर जिसका शीर्षक है में कहा है कि इजरायल की कंपनी एनएसओ ग्रुप करीब एक दशक से अपने इस साफ्टवेयर को दुनिया भर में कानून-प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों को सदस्यता के आधार पर बेच रहा था। कंपनी का कहना है कि इसके जरिए जो काम किए जा सकते हैं वो दुनिया का कोई दूसरा स्वाइवेयर नहीं कर सकता है। इससे आईफोन और दूसरे एंड्रायड फोन के एन्क्रिप्टेड कम्यूनिकेश को आसानी से हैक किया जा सकता है। एनवाईटी की रिपोर्ट में पीएम मोदी की वर्ष 2017 में हुई इजराइल की यात्रा का भी जिक्र किया गया है।
इसी माह पेगासस को लेकर इजरायल में भी विवाद सामने आया था। वहां के सांसदों ने पुलिस द्वारा नागरिकों पर इस स्पाइवेयर के कथित इस्तेमाल की संसदीय जांच की मांग की थी। इजरायली अखबार की रिपोर्ट में कहा गया था कि वर्ष 2020 में पुलिस ने तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल नेताओं व आम नागरिकों की जासूसी के लिए एनएसओ के बनाए स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया था।