(www.arya-tv.com) पुरुष फिल्म को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सोमवार को लखनऊ के हजरतगंज में किसान और मुस्लिम नेताओं ने फिल्म के डायलॉग को लेकर विरोध जताया और प्रदर्शन किया। आदिपुरुष फिल्म का पुतला फूंककर विरोध जताया। किसान नेताओं ने सीएम को पत्र लिखकर फिल्म को बैन करने की मांग की है। वहीं, अखिलेश यादव ने भी सवाल उठाए। अखिलेश ने कहा, क्या सेंसरबोर्ड धृतराष्ट्र बन गया है?
किसान यूनियन ने की बैन करने की मांग
भाकियू अराजनैतिक के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी हरिनाम सिंह ने कहा कि आदिपुरुष फिल्म को लेकर लेखक मनोज मुंतशिर, निर्देशक ओम राउत ने सीधे रामायण के पात्रों के माध्यम से अपने बेतुके डायलॉग लगा दिए हैं। रामायण से सभी लोग भावनात्मक रूप से जुड़े हैं। फिल्म के डायलॉग काफी आपत्तिजनक है। उन्होंने सभी सिनेमाघरों में फिल्म का प्रदर्शन रोके जाने की मांग की। साथ ही विधिक कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, अगर ऐसा नहीं होता है तो भाकियू देश भर में प्रदर्शन को बाध्य होगा। आदिपुरुष फिल्म के विरोध में भाकियू ने हजरतगंज कोतवाली में ज्ञापन भी दिया।माजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को फिल्म आदिपुरुष को लेकर लेकर कटाक्ष किया। अखिलेश ने कहा कि जो राजनीतिक आकाओं के पैसों से, एजेंडे वाली मनमानी फिल्में बनाकर लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं, उनकी फिल्मों को सेंसरबोर्ड का प्रमाणपत्र देने से पहले, उनके ‘राजनीतिक चरित्र’ का प्रमाणपत्र देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या सेंसरबोर्ड धृतराष्ट्र बन गया है?इससे पहले सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिल्म को लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आदिपुरुष फिल्म में रामायण के सभी पात्र जैसे मर्यादा पुरुषोत्तम राम, प्रकांड महारथी व विद्वान रावण, आज्ञाकारी भाई लक्ष्मण एवं आज्ञाकारी भक्त, सेवक व राजदूत हनुमान के माध्यम से मनोज मुंतशिर एवं ओ राऊत ने अमर्यादित स्तरहीन गुंडे, मवाली व टपोरियों की भाषा बोलवाकर उपहास उड़ाया है।