(www.arya-tv.com) पाकिस्तान ने जिस तालिबान को हथियार और ट्रेनिंग देकर आगे बढ़ाया था, अब वही उसके लिए गले की फांस बनाता जा रहा है। तालिबान की चरमपंथी सोच पाकिस्तान की परेशानियां बढ़ा रही है। हाल ही में पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने तालिबान हुकूमत के उन फैसलों की आलोचना की है, जिसमें महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। फवाद चौधरी ने इस पिछड़ी सोच को पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है।
तालिबान की सोच पाकिस्तान के लिए खतरा
इस्लामाबाद के एक कार्यक्रम में फवाद चौधरी ने कहा- हम अफगानिस्तान की मदद करना चाहते हैं, लेकिन तालिबान की चरमपंथी सोच है। जिसकी वजह से महिलाएं अकेले सफर नहीं कर सकती, स्कूल नहीं जा सकती, कॉलेज नहीं जा सकती। यह पुरानी सोच पाकिस्तान के लिए खतरा है। पाकिस्तान की असली लड़ाई चरमपंथ के खिलाफ है।
जिन्ना इस्लामी मुल्क बनाना चाहते थे
जिन्ना का जिक्र करते हुए फवाद चौधरी ने कहा- मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान को एक इस्लामी मुल्क बनाना चाहते थे, मजहबी मुल्क नहीं। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के सामने जिन्ना का मजहबी इल्म कुछ नहीं था। अगर पाकिस्तातालिबान हुकूमत ने हाल में एक फरमान जारी कर महिलाओं के अकेले सफर करने पर रोक लगा दी है। तालिबान की तरफ से कहा गया, जो औरतें पुरुष रिश्तेदार के बिना 45 मील (72 किलोमीटर) से ज्यादा का सफर करती हैं, उन्हें सवारी गाड़ी में नहीं बैठाया जाए। इसके साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करने के लिए इस्लामी हिजाब पहनना जरूरी होगा। इसके अलावा दुकानों के बाहर से महिलाओं की तस्वीरों वाले बोर्ड हटाने को कहा गया है।न को एक मजहबी मुल्क बनाना होता तो फिर इसकी तहरीक मौलाना लोग चलाते। जिन्ना बहुत मॉर्डन थे। आज उनके नाम पर कुछ लोग मुल्क को पीछे ले जाना चाहते हैं। कायद-ए-आजम का पाकिस्तान वापस पाना हमारे लिए असली चुनौती है।
तालिबान ने महिलाओं पर रोक लगाई
तालिबान हुकूमत ने हाल में एक फरमान जारी कर महिलाओं के अकेले सफर करने पर रोक लगा दी है। तालिबान की तरफ से कहा गया, जो औरतें पुरुष रिश्तेदार के बिना 45 मील (72 किलोमीटर) से ज्यादा का सफर करती हैं, उन्हें सवारी गाड़ी में नहीं बैठाया जाए। इसके साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करने के लिए इस्लामी हिजाब पहनना जरूरी होगा। इसके अलावा दुकानों के बाहर से महिलाओं की तस्वीरों वाले बोर्ड हटाने को कहा गया है।