तोशाखाना केस में चुनाव आयोग की सुनवाई की अर्जी खारिज

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(www.arya-tv.com) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद कोर्ट से राहत मिल गई है। कोर्ट ने तोशाखाना केस में सुनवाई 29 अप्रैल तक टाल दी है। जियो न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने मामले में जल्द सुनवाई करने के लिए अर्जी लगाई थी। इमरान के वकील ने कहा- चुनाव आयोग खान को लेकर भेदभाव करता है। जल्द सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है। इससे सिर्फ संसाधनों की बर्बादी होगी।

वकील ख्वाजा हैरिस ने कहा- इमरान की पार्टी PTI पर पहले से कई केस चल रहे हैं। ऐसे में हमें भी तैयारी करने के लिए समय चाहिए। हम पहले निर्धारित तारीख 29 अप्रैल के हिसाब से ही सुनवाई की तैयारी कर रहे थे। तारीख बदलने से हम इमरान का पक्ष नहीं रख पाएंगे।

तोशाखाना मामले में पहले 30 मार्च को सुनवाई होनी थी, लेकिन वकीलों की हड़ताल को देखते इसे टाल दिया गया था। इमरान पर आरोप है कि प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने और उनकी पत्नी ने सरकारी खजाने से कौड़ियों के दाम पर दूसरे देशों से मिले तोहफे खरीदे और फिर इन्हें करोड़ों रुपए में बेच दिया। बचने के लिए जाली बिल पेश किए।

इलेक्शन कमीशन को झूठा हलफनामा

  • पाकिस्तान के इलेक्शन कमीशन ने इमरान के खिलाफ दो मामलों में पुख्ता सबूत कोर्ट के सामने पेश किए हैं। पहला मामला इसी तोशाखाना केस का है। इसमें 20 लाख की जाली रसीदें बनवाई गईं। इससे तोशाखाना के गिफ्ट्स खरीदे गए और बाद में इन्हें करीब 14 करोड़ रुपए में बेचा गया।
  • दूसरा मामला टैरिन व्हाइट का है। अमेरिका और ब्रिटेन की हाईकोर्ट्स में साबित हो चुका है कि टैरिन इमरान की बेटी है। खान ने इलेक्शन कमीशन को सिर्फ दो बेटों सुलेमान और कासिम की जानकारी दी है। टैरिन की बात वो छिपाते रहे हैं।
  • अगर इन दोनों केस में से किसी एक में भी खान पर आरोप साबित हो जाते हैं तो वो पाकिस्तानी संविधान के आर्टिकल 63-ए के तहत चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाएंगे। यही वजह है कि वो इन मामलों में कभी कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए।

    तोशाखाना का नियम क्या है

    • पाकिस्तान की पत्रकार आलिया शाह के मुताबिक- पाकिस्तान में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या दूसरे पद पर रहने वालों को मिले तोहफों की जानकारी नेशनल आर्काइव को देनी होती है। इन्हें तोशाखाना में जमा कराना होता है। अगर तोहफा 10 हजार पाकिस्तानी रुपए की कीमत वाला होता है तो बिना कोई पैसा चुकाए इसे संबंधित व्यक्ति रख सकता है।
    • तोहफे की अनुमानित कीमत अगर 10 हजार से ज्यादा है तो 20% कीमत देकर गिफ्ट अपने पास रखा जा सकता है। अगर 4 लाख से ज्यादा का गिफ्ट है तो इसे सिर्फ वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) या सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) ही खरीद सकता है। अगर कोई नहीं खरीदता तो नीलामी होती है। इमरान ने यहां भी खेल कर दिया। 2 करोड़ का तोहफा कहीं 5 लाख, तो कहीं 7 लाख का बता दिया। इसी कीमत पर इन्हें खरीदा और फिर ओरिजनल कीमत से भी कई गुना ज्यादा पर बेच दिया। यह काम जुल्फी बुखारी और बुशरा बीबी की दोस्त फराह खान उर्फ फराह गोगी ने किया था।
    • एक और खास बात यह है कि फराह गोगी उसी दिन (10 अप्रैल 2022) पाकिस्तान से एक प्राइवेट जेट से फरार होकर दुबई पहुंच गईं थीं, जिस दिन इमरान खान की सरकार गिरी थी।