(www.arya-tv.com) पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत से रिश्तों में आ रहे तनाव को दूर करने की एक और पहल की है। पिछले हफ्ते काबुल में विरोध की वजह से ऐन वक्त पर दौरा रद्द करने वाले पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ इस बार बिना मीडिया को बताए चुपचाप काबुल पहुंचे और वहां तालिबान के अधिकारियों से मुलाकात की। शनिवार शाम को काबुल पहुंचे यूसुफ देर रात इस्लामाबाद लौट भी आए। हालांकि, अफगान तालिबान और पाकिस्तान के डेलिगेशन के बीच क्या बातचीत हुई, ये नहीं बताया गया है।
तालिबान हुकूमत को दूसरे देशों की तरह मान्यता नहीं
पाकिस्तान ने अब तक अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत को दूसरे देशों की तरह मान्यता नहीं दी है। मोईद के दौरे पर भी इस बारे में कोई फैसला नहीं हो सका। पाकिस्तान लगातार दुनिया से अपील कर रहा है कि वो तालिबान हुकूमत को मान्यता दे और अफगानिस्तान के लोगों की मदद करे। हालांकि, अब तक इस बारे में किसी भी देश ने कोई फैसला नहीं किया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी काबुल का दौरा कर चुके हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच सीमा विवाद अब टकराव में बदल चुके हैं। डूरंड लाइन को तालिबान मानने तैयार नहीं है। यहां कई बार फायरिंग हो चुकी है।
उनकी जड़ें बहुत गहरी हैं
पिछले हफ्ते पाकिस्तान संसद की स्टैंडिंग कमेटी के सामने पेश हुए मोईद ने साफ कहा था- अफगानिस्तान की सरजमीं से हमारे मुल्क पर लगातार हमले हो रहे हैं। वहां हमारे दुश्मन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी TTP की पनाहगाहें मौजूद हैं। उनकी जड़ें बहुत गहरी हैं और पाकिस्तान में उनको सपोर्ट करने वाले लोगों की तादाद कम नहीं है। करीब दो महीने से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव चल रहा है। पाकिस्तान का आरोप है कि तालिबान उसके सैनिकों को सीमा पर कांटेदार तारों की फेंसिंग नहीं लगाने दे रहे। इतना ही नहीं तालिबान ने कई जगह यह फेंसिंग बुल्डोजर्स के जरिए उखाड़ दी। अफगान तालिबान और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच इस मुद्दे पर झड़पों और फायरिंग की भी खबरें हैं।
पिछले हफ्ते क्यों टला था दौरा
मोईद यूसुफ तमाम मसलों पर बातचीत के लिए पिछले हफ्ते काबुल जाने वाले थे। वो एयरक्राफ्ट में भी बैठ चुके थे, लेकिन तभी खबर आई कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर हजारों अफगान नागरिक विरोध प्रदर्शन के लिए जुट गए हैं। यूसुफ को दौरा रद्द करना पड़ा।
पाकिस्तान की तरफ से कहा गया था कि खराब मौसम के चलते मोईद का दौरा टाला गया है, लेकिन पाकिस्तान के दो जर्नलिस्ट्स ने इमरान सरकार के दावे की धज्जियां बिखेर दीं थीं। इन्होंने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा था- अफगानिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ बेहद नफरत है। यूसुफ के दौरे के पहले ही वहां बड़ी तादाद में लोग एयरपोर्ट पर जुट गए थे। बदनामी की वजह से पाकिस्तान ने यह दौरा रद्द किया गया था।