इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं तो जरूर फालो करें ये खास टिप्स

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(www.arya-tv.com) वित्तीय वर्ष 2020-21 के आयकर रिटर्न दाखिल करने की तिथि कोरोना संक्रमण के कारण बढ़ाई गई थी। बढ़ी हुई तिथि 31 दिसंबर है। यदि आप आयकर के दायरे में आते हैं तो समय से रिटर्न दाखिल करें और भविष्य़ में होने वाली असुविधा से बचें। वरिष्ठ आयकर सलाहकार संतोष गुप्ता दे रहे हैं कुछ जरूरी टिप्स…।

वित्तीय वर्ष 2020-21 अर्थात आयकर के कर निर्धारण वर्ष 2021-22 के आयकर रिटर्न दाखिल करने की नियम तिथि 31 जुलाई 2021 थी, किंतु कोरोना संक्रमण आपदा के चलते आयकर विभाग द्वारा इस तिथि को 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ा दिया गया था। मौजूदा दौर में आयकर रिटर्न दाखिल करना बहुत आसान हो गया है। यह आराम से आनलाइन दाखिल हो जाता है। आयकर के दायरे में आने वाली कारोबारी व नौकरीपेशा महिलाओं एवं पुरुषों दोनों को ही सामान्य नियमों के तहत अपना आयकर रिटर्न बढ़ी हुई तिथि 31 दिसंबर 2021 तक दाखिल करना है।

एक जनवरी 2022 के बाद आयकरदाताओं को रिटर्न विलंब से दाखिल करने पर धारा-234 एफ के तहत लेट फीस जमा करानी होगी। कुल आमदनी पांच लाख तक रहने पर रूपया एक हजार तथा पांच लाख से अधिक आमदनी होने पर रूपया पांच हजार विलंब शुल्क आयकर रिटर्न के साथ जमा कराना होगा अन्यथा आयकर रिटर्न दाखिल नहीं होगा।

ऐसी कारोबारी महिलाएं या पुरुष करदाता जिनका आयकर कानून की धारा 44 एबी के तहत बहीखातों का अनिवार्य रूप से टैक्स आडिट सी.ए. के द्वारा होना है। उनके मामले में टैक्स आडिट रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में 15 जनवरी 2022 तक अपलोड की जाएगी। ऐसे टैक्स आडिट वाले मामले में आयकर रिटर्न 15 फरवरी 2022 तक दाखिल किये जाएंगे। यदि टैक्स आडिट के दायरे में आने वाले करदाता रिटर्न बढ़ाई गई तिथियों के उपरांत विलंब से दाखिल करेंगे, तब उन्हें भी नियमानुसार विलंब शुल्क अर्थात लेट फीस अदा करनी होगी।

आयकर रिटर्न दाखिल करते समय आयकर के ई-फाईलिंग पोर्टल पर करदाता को अपने फार्म 26 एएस से आमदनी के आंकड़ों का मिलान अवश्य कर लेना चाहिए। अब इसी पोर्टल पर एआईएस (वार्षिक सूचना विवरण) में आयकर विभाग शेयर, डिबेंचर, म्युचुअल फंड की खरीद-बिक्री से उत्पन्न कैपिटल गेन, चल व अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री, वाहन की खरीद, विदेश यात्रा के खर्च, बैंक ब्याज, डिविडेंड एवं अन्य खर्च व निवेश की सूचना आयकर विभाग उपलब्ध करा रहा है। अतः इन सूचनाओं का मिलान आयकर रिटर्न दाखिल करते समय अवश्य कर लेना चाहिए ताकि आयकरदाता उसी अनुरूप उन मामलों को अपने आयकर रिटर्न में घोषित कर सके अन्यथा भविष्य में आयकर विभाग इनकी जांच-पड़ताल व सत्यापन की कार्यवाही करेगा।

आयकर विभाग द्वारा की जाने वाली जांच-पड़ताल में कोई गड़बड़ी न होने पर करदाता का ही लाभ होगा। यही नहीं समय से आयकर रिटर्न दाखिल करने के अनेक फायदे हैं। यह तो आपको पता ही होगा कि होम लोन, वाहन लोन एवं अन्य व्यक्तिगत लोन करदाताओं को बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों से प्राप्त करने के लिये आयकर रिटर्न दाखिल होने की एक शर्त होती है। दूसरे आयकर रिटर्न में यदि कोई त्रुटि हो गई है या आयकर की गणना में भूल, कटौतियों या छूटों के दावे में त्रुटि के साथ यदि कोई करयोग्य आमदनी दाखिल करने से रह गई है तब समय से दाखिल रिटर्न को 31 मार्च 2022 तक रिवाइज किया जा सकता है।

रिटर्न समय से दाखिल होने पर पिछले वर्षों की हानि को इस वर्ष के लाभ से समायोजन का लाभ मिलेगा। इससे कर का बोझ कम हो जाएगा। बस शर्त यह है कि रिटर्न समय से दाखिल हो गया हो। वित्तीय वर्ष 2020-21 अर्थात आयकर के करनिर्धारण वर्ष 2021-22 का रिटर्न अधिकतम 31 मार्च 2022 तक लेट फीस के साथ दाखिल किया जा सकता है। एक अप्रैल 2022 या इसके बाद ये रिटर्न दाखिल नहीं किए जा सकेंगे। यदि आप आयकर के दायरे में आती हैं तो आपको समय से रिटर्न दाखिल कर देना चाहिए। आप चाहें तो इसके लिए विशेषज्ञों की मदद भी ले सकती हैं। समय पर आयकर रिटर्न दाखिल करने से आप आयकर विभाग द्वारा की जाने वाली किसी भी तरह की कार्यवाही से पूरी तरह सुरिक्षत रहती हैं।