अगर आप को भी हो रहा है सीने के बायीं और दायीं ओर दर्द तो कराएं जांच

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प्रयागराज (www.arya-tv.com) ठंड के मौसम में अक्सर ऐसा होता है कि अधिकतर लोगों के सीने में हल्का फुल्का दर्द होता है अगर ऐसा है तो तुरंत डाक्टर से करें संपर्क ​ रोगियों को हार्ट अटैक केवल सीने में तेज दर्द से ही नहीं होता, बल्कि सीने के दाहिने और बायीं ओर मामूली दर्द भी इसका संकेत हो सकता है। यदि ऐसा हो रहा है तो भी इसके प्रति सचेत रहना होगा।

सर्दी के दिनों में तो और भी सतर्कता जरूरी है। दर्द हल्का हो तो भी डाक्टर से संपर्क करके उचित परामर्श लेना अति आवश्‍यक है। ऐसा इसलिए क्योंकि हल्का दर्द भी हार्ट अटैक का संकेत माना जाता है। आप भी जानें चिकित्‍सकों का इस संबंध में क्‍या कहना है। ऐसा होने पर क्‍या करें ताकि तत्‍काल राहत मिल सके।

 डाक्टर पीयूष ने बताए हार्टअटैक के लक्षण

स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के हृदय रोग विभाग में आ रहे अनेकों रोगी ओपीडी में डाक्टरों को बता रहे हैं कि 2 से 3 महीने पहले छाती में बाई और हल्का दर्द महसूस हुआ था। तमाम युवा भी हल्के दर्द की जानकारी देकर अपनी तकलीफ बता रहे है। कुछ ऐसा ही कहना है ह्रदय रोग विशेषज्ञों का भी। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के हृदय रोग विशेषज्ञ डाक्टर पीयूष सक्सेना कहते हैं कि आमतौर पर लोगों को जब छाती में हल्का दर्द महसूस होता है तो इसे गैस का दर्द समझ बैठते हैं।

थोड़ी चहल कदमी करके दर्द है राहत पा लेते हैं, जबकि सर्दी के दिनों में इस मामले में खास सतर्कता बरतनी होगी क्योंकि यह आवश्यक नहीं कि दर्द दर्द गैस से ही हो रहा हो। कई मामलों में यह हार्ट अटैक की शुरुआत भी होती है। सामान्य तौर पर हार्ट अटैक से पहले किसी व्यक्ति को सात से आठ बार दर्द महसूस हो सकता है।

डाक्‍टरों की सलाह, ठंड में मार्निंग वाक का बदलें समय

एसआरएन की ओपीडी में आए 52 वर्षीय जयदीप सिंह ने बताया कि भोर में टहलने के लिए घर से बाहर निकलते हैं। एक दिन पहले ही करीब 5:00 बजे भोर में निकल पड़े थे, तभी अचानक उन्हें तेज दर्द महसूस हुआ। डाक्टरों का कहना है कि मार्निंग वाक पर जाने वालों को फिलहाल अपना समय बदलना चाहिए। क्योंकि भोर में तापमान काफी कम रहता है और घर से निकलने पर आपके शरीर का तापमान उससे अधिक रहता है। शरीर और मौसम के तापमान में असंतुलन होते ही इसका असर सीधे दिल पर पड़ता है और लोग हार्ट अटैक के शिकार हो जाते हैं।

डाक्टर गोपाल ने भी दिए कुछ सुझाव

पिछले दिनों एसआरएन के न्यूरो सर्जन डाक्टर एनएन गोपाल के पास आए एक परिवार ने बताया कि उनके घर के मुखिया सुबह-सुबह टहलने जाने की जिद करते हैं। मार्निंग वाक की उनकी आदत बहुत पुरानी है। भोर में घर से निकलने पर खतरा है। इस पर डाक्‍टर एनएन गोपाल ने घर के मुखिया को यही सलाह दी की मार्निंग वाक सेहत के लिए काफी अच्छा है लेकिन आजकल के मौसम में समय में कुछ परिवर्तन कर लें। धुंध और कोहरा छंटने पर ही 6:00 बजे के आसपास घर से निकलें या फिर आसमान में सूरज की हल्की लालिमा छा जाने दें।