(www.arya-tv.com)राज्यभर में जमीन-फ्लैट की खरीद-बिक्री में रेरा नंबर अनिवार्य होगा। जब तक रीयल एस्टेट रेगुलेशन अथॉरिटी (रेरा) में प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा, तब तक जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री भी नहीं होगी। जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री में रेरा नंबर अनिवार्य करने के लिए रेरा चेयरमैन ने सभी जिला के डीसी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि मई 2017 से रेरा नियम राज्यभर में प्रभावी है। इसके तहत राज्य के अन्तर्गत बहुमंजिली इमारतों और प्लॉट डेवलपमेंट और बिल्डर-प्रमोटर व एजेंट द्वारा उसकी खरीद-बिक्री में रेरा नंबर अनिवार्य किया गया है। रेरा के निबंधन के बिना किसी भी प्रोजेक्ट के जमीन-फ्लैट की खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध है। लेकिन बिल्डर, प्रमोटर और एजेंट द्वारा इसका पालन सख्ती से नहीं किया जा रहा है। इसलिए अपने जिला में जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री के समय रेरा का रजिस्ट्रेशन नंबर अनिवार्य करंे, ताकि फर्जीवाड़ा पर रोक लगे।
खरीदारों को फर्जीवाड़ा से बचाने के लिए उठाया कदम
फ्लैट-जमीन खरीदार अपनी गाढ़ी कमाई एक बार में लगा देते हैं, लेकिन कई बार एक ही जमीन के टुकड़े और फ्लैट को दो-तीन लोगों को बेच दिया जाता है। ऐसे में एक साथ कई लोग ठगी का शिकार होते हैं। क्रेता द्वारा रेरा में रजिस्टर्ड जमीन-फ्लैट की खरीदारी की जाती है और कोई गड़बड़ी होती है, तो रेरा में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। ऐसे में संबंधित बिल्डर-प्रमोटर और ब्रोकर पर कार्रवाई की जा सकती है।
पड़ोसी राज्य बिहार और कर्नाटक में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री में रेरा रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
केन्द्र सरकार द्वारा रेरा कानून बनाए जाने के बाद सबसे अधिक फायदा जमीन-प्लॉट खरीदारों को हुआ। इसलिए कई राज्यों ने रेरा को सख्ती से लागू किया है। पड़ोसी राज्य बिहार में भी रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर के बिना जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं हो सकती। इसे अनिवार्य किया गया है। इसी तरह कर्नाटक में भी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर अनिवार्य है। दोनों राज्यों में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री में रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर अनिवार्य होने से फर्जी तरीके से जमीन की खरीद-बिक्री पर भी रोक लगी है।
जमीन माफिया और क्राइम पर भी लगेगी रोक
पदाधिकारियों की मानें, तो ऐसा कोई नियम नहीं है कि जमीन बेचने वालों की कुंडली सरकार के पास हो। इसका फायदा जमीन माफिया उठाते हैं। जिस जमीन की बिक्री हो जाती है, उसी पर कब्जा कर कई लोगों को बेच देते हैं। रेरा में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा, तो बेचने वालों को अपने प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इससे पकड़ में आ जाएगा कि पहले उस जमीन का रजिस्ट्रेशन हुआ है या नहीं।