यदि तालिबान को अलग-थलग रखा गया तो उठाना होगा नुकसान, जानिए किसने दी चेतावनी

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(www.arya-tv.com) कतर के विदेश मंत्री ने कहा है कि यदि तालिबान को विश्‍व बिरादरी ने स्‍वीकार नहीं किया और उसको अलग-थलग रखा गया तो एक बार फिर अस्थिरता का माहौल पैदा हो सकता है। कतर ने ये अपील भी की है कि वो तालिबान के साथ संंबंध बनाए और उनकी बातों पर गौर करे। कतर का ये भी कहना है कि ये न सिर्फ सुरक्षा के लिहाज से अच्‍छा होगा बल्कि अफगानिस्‍तान के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए भी जरूरी होगा।

आपको बता दें कि वर्ष 2013 से कतर में तालिबान की राजनीतिक शाखा का दफ्तर है। कतर में ही तालिबान की अमेरिका समेत अन्‍य देशों से बातचीत हुई है। इसमें कतर ने ही मध्‍यस्‍थ की भूमिका भी निभाई है। कतर का कहना है कि यदि हम पहले ही तालिबान पर शर्तों को लगाना शुरू कर देंगे या उनसे बातचीत के दरवाजे बंद कर लेंगे तो इससे एक वैक्‍यूम बन जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो एक बड़ा सवाल पैदा होगा कि इस वैक्‍यूम को कैसे भरा जाए।

कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्‍मद बिन अब्‍दुल्‍ल रहमान अल थानी ने ये बात जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास की मौजूदगी में कही है। थानी का कहना है कि वो मानते हैं कि बिना बातचीत के हम सामाजिक, आर्थिक और सुरक्षा के मुद्दे पर किसी भी सही नतीजे पर नहीं पहुंच सकते हैं। कतर के विदेश मंत्री ने कहा है कि अमेरिका के अफगानिस्‍तान से जाने के बाद वहां पर आतंकवाद पनपने का खतरा बढ़ गया है। इसलिए वहां पर एक सरकार की बेहद सख्‍त जरूरत है।

थानी का कहना है कि हम तालिबान को कह सकते हैं कि वो अपनी सरकार में वहां की पार्टियों को भी शामिल करे, न कि उन्‍हें बाहर रखे। यही हमारी भूमिका भी रही है और ऐसी ही हमने तालिबान से अपील भी की है। हालांकि इस बारे में तालिबान की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है।