(www.arya-tv.com) पूजा खेडकर ने वर्ष 2021 में यूपीएससी परीक्षा पास की थी. इस दौरान उन्होंने 841वीं रैंक हासिल किया था. इसके बाद उन्हें आईएएस का पद आवंटित हो गया था. बाद में उन्हें महाराष्ट्र कैडर में नियुक्ति दी गई. आरोप है कि इतनी कम रैंक पर आईएएस का पद पाने के लिए पूजा खेडकर ने कई तरफ के फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया.
ऐसे बन गईं आईएएस
अब पूजा खेडकर के आईएएस पद को लेकर ही सवाल ही उठने लगे हैं कि यूपीएससी में इतनी कम रैंक और कम नंबर होने के बाद भी उन्हें आईएएस का पद कैसे दे दिया गया. कहा जा रहा है कि आईएएस बनने के लिए यह रैंक काफी कम है, लेकिन पूजा ने गलत दस्तावेज लगाकर यह पद हासिल कर लिया. पूजा खेडकर ने खुद को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर बताकर जहां एक ओर आरक्षण का लाभ लिया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने विकलांगता सर्टिफिकेट लगाकर उस कोटे का भी फायदा लिया. ऐसे में उन पर गलत ओबीसी सर्टिफिकेट और विकलांगता प्रमाण पत्र देने के आरोप लग रहे हैं.
नहीं कराई मेडिकल जांच
पूजा खेडकर ने ‘अंधेपन और मानसिक बीमारी’ का होना बताया था अपने इस दावे की पुष्टि के लिए मेडिकल जांच में ही शामिल नहीं हुईं. यूपीएससी ने पूजा को अप्रैल 2022 में एम्स नई दिल्ली में मेडिकल जांच कराने को कहा था, लेकिन उन्होंने कोविड का बहाना बताते हुए इसे स्थगित करने की मांग की. जिसके बाद उन्हें अगस्त 2022 की डेट दी गई थी. मिली जानकारी के अनुसार एम्स ने उनकी आंखों की बीमारी के बारे में बेहतर जानकारी के लिए ब्रेन एमआरआई कराने को भी कहा था.
