(www.arya-tv.com)डोमिनिका की जेल में बंद भगोड़े कारोबारी मेहुल चौकसी ने सोमवार को हैरान करने वाले खुलासे किए। चौकसी ने एंटीगुआ पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि उसका अपहरण किया गया था। इसमें उसने अपनी महिला मित्र बारबरा जेबरिका के अलावा दो भारतीयों नरेंद्र सिंह और गुरमीत सिंह का नाम लिया है। मेहुल 13,500 करोड़ रुपए के PNB घोटाले का आरोपी है।
चौकसी ने पुलिस को बताया कि मेरे पिछले एक साल से बारबरा जेबरिका के साथ दोस्ताना रिश्ते हैं। 23 मई को बारबरा ने उसके घर से पिक करने के लिए कहा। जब मैं वहां गया तो अचानक घर के सभी एंट्रेस से 8-10 लोग आए और मुझे बुरी तरह पीटा। यह सभी लोग खुद को एंटिगुआ पुलिसकर्मी बता रहे थे। इसके बाद उन्हें अगवा कर लिया गया।
चौकसी ने बताया कि सभी लोग उसका अपहरण करके उसे डोमिनिका लेकर आए। यहां पहुंचकर उन्होंने बताया कि वे एक हाई रैंक वाले भारतीय राजनेता से चौकसी को मिलाने के लिए लाए हैं।
चौकसी पर डोमिनिका में गैरकानूनी तरीके से घुसने का आरोप
डोमिनिका पुलिस ने भी ईस्टर्न कैरेबियन सुप्रीम कोर्ट में दावा किया है कि उन्हें मेहुल चौकसी खाड़ी के किनारे टौकरी बे घाट के पास 24 मई की रात को करीब 11.30 बजे संदिग्ध हालत में मिला था। जबकि चौकसी पर गैरकानूनी तरीके से डोमिनिका में एंट्री करने का आरोप है, लेकिन उसने अपनी हिरासत को हाईकोर्ट में चैलेंज किया है। चौकसी का दावा है कि उसे एंटीगुआ-बारबूडा से अपहरण कर डोमिनिका लाया गया था। इसी के तहत चौकसी ने यह नया खुलासा किया है।
बारबरा ने मदद के लिए किसी को नहीं बुलाया, वह साजिश में मिली है
चौकसी ने शिकायत में दावा किया कि उसकी दोस्त बारबरा भी अपहरण की साजिश में मिली हुई है। उसने कहा कि जब 8-10 लोग उसके साथ घर में मारपीट कर रहे थे, तब बारबरा ने मदद के लिए कोई कोशिश नहीं की। उसने चिल्लाने, फोन लगाने या बाहर जाकर किसी को बुलाने तक की कोशिश नहीं की। इसका मतलब है कि वह भी इस अपहरण की साजिश में मिली हुई है।
चौकसी के मुताबिक, एंटिगुआ पुलिस के लोग बताने वाले आरोपियों ने उसके साथ मारपीट की। इसमें उसे काफी गंभीर चोटें आईं। उन्होंने फोन, घड़ी और पर्स भी छीन लिया था। मारपीट के बाद आरोपियों ने बताया कि उनका मकसद रुपए लूटना नहीं है। यह कहते हुए उन्होंने चौकसी के रुपए भी लौटा दिए।
भारतीय अधिकारी डोमिनिका आकर सवाल पूछ सकते हैं: चौकसी
चौकसी ने भारत के सामने पेशकश रखी है कि भारतीय अधिकारी डोमिनिका आएं और अपनी जांच से जुड़े कोई भी सवाल पूछें। चौकसी ने दावा किया है कि उसने भारत सिर्फ इलाज के लिए छोड़ा था। वह कानून का पालन करने वाला नागरिक है। चौकसी ने डोमिनिका हाईकोर्ट में भेजे अपने हलफनामे में कहा कि भारतीय अधिकारी मेरे खिलाफ किसी भी जांच के सिलसिले में सवाल कर सकते हैं। मैं उन्हें यहां आने और सवाल पूछने का ऑफर देता हूं। मैंने भारत में किसी एजेंसी से बचने की कोशिश नहीं की है। जब मैं अमेरिका में इलाज कराने के लिए भारत छोड़ रहा था, तब मेरे खिलाफ किसी भी एजेंसी द्वारा कोई भी वारंट नहीं जारी किया गया था।
डोमिनिका पहुंचने से पहले एंटीगुआ में रह रहा था चौकसी
मेहुल चौकसी एंटीगुआ की नागरिकता लेकर 2018 से वहीं रह रहा था, लेकिन 23 मई को अचानक वहां से लापता हो गया। इसके 2 दिन बाद वह डोमिनिका में पकड़ा गया था। इस पूरे मामले के बीच एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन की एक चिट्ठी भी सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि मेहुल ने नागरिकता से संबंधित जानकारी छिपाई थी।
14 अक्टूबर 2019 को लिखे खत में ब्राउन ने कहा था, ‘मैं एंटीगुआ और बारबूडा नागरिकता अधिनियम, कैप 22 की धारा 8 के मुताबिक एक आदेश देने का प्रस्ताव करता हूं ताकि आपको तथ्यों को जानबूझकर छिपाने के आधार पर एंटीगुआ और बारबूडा की नागरिकता से वंचित किया जा सके।’