फरीदाबाद से नेपाल तक कैसे बने भूकंप के कई केंद्र, क्यों यहां से कांपती है धरती

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(www.arya-tv.com) पिछले एक पखवाड़े में दक्षिण एशिया में लगातार भूकंप के हल्के और मध्यम दर्जे के भूकंप के झटके महसूस किए गए. ताजातरीन भूकंप का झटका 16 अक्टूबर को महसूस किया गया.ये झटका आमतौर पर उत्तराखंड में फील हुआ. इसका केंद्र नेपाल में था. कैसे भूकंप के केंद्र बनते हैं. आमतौर पर दक्षिण एशिया में कुछ ऐसी जगहें हैं, जो बार बार भूकंप का केंद्र बनती हैं. इन जगहों को अंग्रेजी में एपिसेंटर (Epicenter) कहते हैं.

एक दिन पहले उत्तर भारत में 3.1 तीव्रता का झटका लगा, जिसका केंद्र फरीदाबाद था. अफगानिस्तान के हेरात में 15 अक्टूबर को आए भूकंप ने सैकड़ों जानें ले लीं. सबसे बड़े झटके की तीव्रता 6.3 थी. इन दिन अफगानिस्तान में भूकंप के तीन झटके भी महसूस किए गए. इनका केंद्र हिंदूकुश इलाके में था. इसके अलावा 15 अक्टूबर को म्यांमार, पाकिस्तान और चीन में भी भूकंप महसूस किया गया.

यहां पर दो सवाल उठते हैं कि भूकंप के केंद्र बार बार कुछ खास इलाकों में ही क्यों बनते हैं. आमतौर पर भूकंप के केंद्र अफगानिस्तान में हिंदू कुश, नेपाल में मध्य नेपाल, भारत में हरियाणा बन रहे हैं. इसकी वजह आखिर क्या है. वैज्ञानिक कैसे एपिसेंटर यानि भूकंप के केंद्र का पता लगाते हैं. वैसे माना जाता है भूकंप के केंद्र वाली जगह अक्सर इसकी तीव्रता और नुकसान से ज्यादा प्रभावित नहीं होती, यहां नुकसान कमोवेश कम होता है.

किस टैक्टोनिक प्लेट पर हैं ये इलाके
ये सभी इलाके इंडियन प्लेट (या इंडिया प्लेट) पर स्थित हैं, जो पूर्वी गोलार्ध में भूमध्य रेखा पर फैली एक छोटी टेक्टोनिक प्लेट है. यह उत्तर पूर्व गोलार्ध में स्थित है. ये 4 प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों से घिरी है – उत्तर में यूरेशियन प्लेट, दक्षिण पूर्व में ऑस्ट्रेलियाई प्लेट, दक्षिण पश्चिम में अफ्रीकी प्लेट, पश्चिम में अरब प्लेट. आमतौर पर एशिया क्षेत्र में आने वाले भूकंप इंडियन प्लेट के तिब्बत प्लेट की ओर सरकने के लिए आ रहे हैं.

इंडियन प्लेट की औसत परत की मोटाई लगभग 30 किलोमीटर है. यह लगभग 19° के कोण पर झुकती है. ये अफगानिस्तान के हिंदूकुश इलाके से लेकर पाकिस्तान, उत्तरी भारत, नेपाल और मध्य म्यांमार तक फैली है. इसका एरिया काफी बड़ा है. इंडियन प्लेट 100 मिलियन वर्ष पहले गोंडवाना के अन्य टुकड़ों से अलग हो गई थी. यह उत्तर की ओर बढ़ने लगी और द्वीपीय भारत को अपने साथ ले गई. इंडियन प्लेट हर साल 15 से 20 मिलिमीटर की गति से तिब्बतन प्लेट की तरफ बढ़ रही है. लगातार लगने वाले झटके इसी का परिणाम हैं.

अफगानिस्तान की वो जगह जो अक्सर भूकंप का केंद्र बनती है
अब जानते हैं अफगानिस्तान की उस जगह के बारे में जो एशिया के कई भूकंप का केंद्र बनता रहा है. ये अफगानिस्तान का बादखसान इलाका है, जो अफगानिस्तान के 34 राज्यों में एक है. ये देश के उत्तर पूर्व में है. इस प्रांत की सीमा ताजकिस्तान से लगती है. लिहाजा इस इलाके के ताजकिस्तान के प्रांत को गोर्नो बादखशान के तौर पर जानते हैं.