अफगानिस्तान में हर महीने कैसे हो रहे विस्फोट, लोगों पर पड़ रहा इस तरह प्रभाव

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काबुल।(www.arya-tv.com) अफगानिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि युद्धग्रस्त देश में हर महीने विस्फोटकों से औसतन 120 अफगानी मारे जाते हैं या बुरी तरह से घायल हो जाते हैं, जहां उन्हें अपना पूरा जीवन दिव्यांग बनकर गुजारना पड़ता है।

अफगानिस्तान के माइन एक्शन कोआर्डिनेशन निदेशालय (DMAC) ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘अस्पष्टीकृत तोपखाने व बारूदी सुरंगों के कारण हर महीने औसतन 120 लोग मारे जाते हैं, जिनमें बच्चों भी शामिल है, या फिर वे दिव्यांग बन जाते हैं।

2001 में ये आंकड़ा 40 था, जो अब 120 तक पहुंच गया है।’ सिन्हुआ समाचार ने कहा कि डीएमएसी के अनुसार, लगभग 900 अफगान मारे गए और 2020 में लैंडमाइंस और 2020 में अस्पष्टीकृत तोपखानों के परिणामस्वरूप 1,700 अन्य घायल हो गए, इनमें गैर-लड़ाकों का कुल हताहतों का 30 प्रतिशत हिस्सा था।

बयान में कहा गया है कि क्षेत्रों को खाली करने के प्रयासों के बावजूद, देश भर में 1,600 वर्ग किलोमीटर से अधिक भूमि अभी भी खदानों और अस्पष्टीकृत तोपखाने से भरी पड़ी है, जबकि पिछले साल 37 वर्ग किमी भूमि को साफ कर दिया गया था।

बता दें कि तालिबान आतंकवादी और देश के अन्य विद्रोही समूह सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए सड़क के किनारे बम और बारूदी सुरंग बनाने के लिए स्वदेश निर्मित तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों (IED) का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन घातक हथियार नागरिकों को भी हताहत करते हैं।