टल सकती है ! लिवाना होटल को गिराने की कार्रवाई: अंतिम डेट 9 की जगह 14 दिसंबर

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(www.arya-tv.com) लिवाना होटल गिराने के लिए LDA ने 9 दिसंबर का समय दिया है। इसमें अब एक दिन शेष बचा है। हालांकि यह कार्रवाई अब 14 दिसंबर या उससे आगे के लिए भी टल सकती है। दरअसल, होटल प्रबंधन ने LDA को पत्र दिया है कि उनके जो नोटिस रिसीव हुई है। उसके हिसाब से अंतिम तारीख 14 दिसंबर होनी चाहिए। चुकी यह पत्र प्रबंधन ने अपने वकीलों के माध्यम से भेजा है। ऐसे में अब LDA भी कानूनी सलाह में लेने में जुट गया है, जिससे की कोई परेशानी न आए।

LDA वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि अभी तक उनकी तरफ से 9 दिसंबर का डेट तय है। मगर, अब उस पत्र के बाद वह राय ले रहे है। दूसरी तरफ 7 दिसंबर को कोर्ट में होटल को लेकर होने वाली सुनवाई टल गई है। जानकारों का कहना है कि होटल गिराने से पहले LDA कोई भी जल्दबाजी नहीं करना चाहता है। दरअसल, प्रयागराज में ऐसे ही एक कार्रवाई कर दी गई थी, जिसमें अब कोर्ट के प्रति वहां प्राधिकरण और जिला प्रशासन की जवाबदेही बढ़ गई है। मामले में फटकार भी लगाई गई है।

सीएम बड़ी कार्रवाई करने का दे चुके आदेश

सीएम योगी पहले ही इस मामले में बड़ी कार्रवाई की बात कर चुके हैं। दो सितंबर को आग लगने की वजह से चार लोगों की मौत हो गई थी। उसके अलावा 19 लोग घायल हो गए थे। यहां सुबह 7 बजे होटल लेवाना की तीसरी मंजिल पर भीषण आग लग गई थी। 24 लोगों को होटल से रेस्क्यू किया गया। करीब 9 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। हादसे के वक्त होटल में करीब 30 लोग मौजूद थे।

नक्शा पास नहीं बन गया होटल

यहां होटल का नक्शा पास नहीं था। इसको लेकर एलडीए की तरफ से केवल नोटिस देने की कार्रवाई की गई थी। यहां तक की लिवाना के मालिक का जनपथ स्थित होटल का नक्शा भी पास नहीं था। आग इतनी बड़ी थी कि मरीजों से मिलने के लिए सीएम योगी और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी पहुंचे थे। उन्होंने मौके पर ही हादसे की जांच के आदेश दिए थें। इसके बाद होटल को सील कर दिया गया है। जांच में पता चला कि होटल लेवाना बिना नक्शा पास कराए चल रहा था।

गणेशगंज के कपल की हुई थी मौत

गणेशगंज के सराय फाटक पर रहने वाले गुरनूर आनंद अपनी मंगेतर साहिबा कौर के साथ इस होटल में ठहरे थे। अग्निकांड के बाद दोनों के शव तीसरी मंजिल की गैलरी में मिला था। अंदाजा लगाया जा रहा है कि उन्होंने बचने का प्रयास किया। मगर, धुंए की वजह से दम घुट गया। इसी से दोनों की मौत हो गई।

जाने कार्यवाही का प्रोसेस क्या होता है

लखनऊ हाईकोर्ट के सिविल एडवोकेट मिथलेश कुमार शर्मा कहते हैं, “अगर किसी होटल का निर्माण बिना नक्शा पास कराए किया जाता है तो विकास प्राधिकरण पहले होटल मालिक को खुद ही संपत्ति नष्ट करने के लिए नोटिस भेजता है। जब नोटिस पर कोई जवाब नहीं मिलता तो, प्राधिकरण खुद जाकर होटल गिरा देता है। प्राधिकरण डिमोलिशन कॉस्ट होटल मालिक से वसूलता है।”

मिथलेश आगे कहते हैं, “लखनऊ के लेवाना होटल में अवैध नक्शा पास होने के अलावा 4 मौते भी हुई हैं। ऐसे मामलों में होटल मालिक पर सिविल के साथ क्रिमिनल केस भी बनता है। आरोपी के खिलाफ धारा 302 के तहत कार्रवाई होती है। इसमें उम्रकैद की सजा भी हो सकती है।”

यूपी रेगुलेशन बिल्डिंग ऑपरेशन एक्ट 1958 के प्रावधानों के तहत गैरकानूनी ढंग से बनी बिल्डिंग के मालिक से संपत्ति गिराए जाने के पूरे खर्च के साथ अलग से 50,000 रुपए के जुर्माने की सजा का प्रावधान है।