(www.arya-tv.com)राजस्थान की सीकर पुलिस ने हनी ट्रेप के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने फिलहाल गिरोह में शामिल एक महिला समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि हनी ट्रेप गिरोह में शामिल युवतियां लोगों से लिफ्ट मांगने या मिस्ड कॉल सहित अन्य तरीकों से उन्हें अपने जाल में फंसाती थीं। इसके बाद वे उनसे संपर्क करके अश्लील तस्वीरें या वीडियो बना लेती थीं।
इसके बाद वह अपने शिकार से लेन- देन के फर्जी कागजों पर हस्ताक्षर करवा कर ब्लैकमेल कर उनसे रुपए ऐंठ लेती थीं। शहर की उद्योग नगर पुलिस ने जयपुर रोड स्थित केला गोदाम निवासी सोनम उर्फ़ शानू और फतेहपुर निवासी मनोज नेहरा को गिरफ्तार किया है। जांच में सोनम के होमगार्ड में तैनात होने की जानकारी सामने आई है।
पुलिस को इन आरोपियों के मोबाइल से छह-सात लोगों के अश्लील वीडियो भी मिले हैं। पुलिस को अंदेशा है कि ये एक बड़ा गैंग है। जिसमें राजस्थान और हरियाणा समेत 15 युवक-युवतियां शामिल हो सकते हैं। पुलिस अब पकड़े गए सदस्यों के बयानों के आधार पर अन्य सदस्यों तक पहुँचने की कोशिश में जुटी है।
एम्बुलेंस चालक बना शिकार, रिपोर्ट की पड़ताल पर हुआ खुलासा
चार जुलाई को महेंद्र नाम का एक 108 एम्बुलेंस चालक इस हनी ट्रेप गिरोह का शिकार हुआ था। पीड़ित महेंद्र ने पुलिस में दर्ज करवाई एफ़ाइआर में आपबीती बताई है। उसने बताया है कि एक दिन मोटरसाइकिल से जाने के दौरान एक युवती ने उससे बीच रास्ते लिफ्ट मांगी। मदद करने के लिए उसने उसे बाइक पर बैठा लिया। युवती ने खुद का नाम शानू और पुलिस विभाग में होना बताया। और घर तक ड्रॉप करने पर जोर दिया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि घर पहुंचने पर युवती ने अन्दर आने के लिए महेंद्र पर दबाव बनाया जहां पहले से ही एक युवती मौजूद थी। इस दौरान महेंद्र को चाय पीने के लिए कहा गया जिसके बाद वो युवती के पास में बैठकर चाय पीने लगा। इसी दौरान महेंद्र को झांसे में रखते हुए युवती के साथ फोटो और वीडियो बना ली गई। तभी घर पर एक महिला व पुरूष पहुंच गए। दोनों महेंद्र के साथ मारपीट करने लग गए। उन्होंने महेंद्र की जेब में रखे आधार कार्ड सहित 10 हजार रुपए भी निकाल लिए।
महेंद्र ने बताया है कि उसे फोटो-वीडियो के आधार पर गिरोह के सदस्य बलात्कार के मामले में फंसाने की धमकी देकर उससे डेढ़ लाख रुपए की मांग करने लगे। जिसके बाद महेंद्र ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पीड़ित महेंद्र की शिकायत पर एसआई कंचन ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। गैंग के सदस्यों को धर-दबोचने के लिए प्लान बनाया गया।
जिसके बाद पीड़ित की ओर से आरोपियों को फोन कर डेढ़ लाख रुपए ले जाने के लिए बुलाया गया। महेंद्र जब दोनों आरोपियों को रुपए दे ही रहा था कि इशारा मिलते ही पुलिस टीम ने दोनों को दबोच लिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से 32 हजार रुपए, बाइक व पीड़त के दस्तावेज बरामद किये हैं।