ये है रहस्यमयी पेड़…. यहां सिक्कों में बसती है अशांत आत्माएं! गुपचुप तरीके से लोग टांगते हैं तस्वीरें

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(www.arya-tv.com) यूपी का वाराणसी दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है. इस प्राचीन शहर में कई रहस्यमयी चींजे हैं. ऐसा ही सैकड़ों साल पुराना रहस्यमयी पेड़ है पिशाच मोचन तीर्थ पर जहां आपको कील सिक्के और तस्वीरों की भरमार दिखेगी.कहा जाता है पेड़ पर गाड़े गए इन सिक्कों और कील से भटकती आत्माओं को शांत कराया जाता है. इसके लिए बाकायदा इस तीर्थ स्थल पर पूजा होती है.

पूजा के बाद गुपचुप तरीके से लोग भटकती आत्माओं की तस्वीर को सिक्के और कील के इस पेड़ पर टांगते हैं.ऐसी मान्यता है कि इससे भटकती आत्माएं यहां बैठ जाती है.वहीं कुछ लोग ये भी कहते हैं कि इस पीपल के पेड़ पर आत्माएं बसती है. रात के वक्त इस पेड़ के आस पास जाने से भी लोग कतराते हैं.

ब्रह्म राक्षस को मिली थी मुक्ति
कथाओं के अनुसार इसी तीर्थ पर बाल्मीकि ऋषि के वरदान से ब्रह्म राक्षस को भी मुक्ति मिली थी.ब्रह्म राक्षस ने ही बाल्मीकि से पूछा था उन्हें तो मुक्ति मिल गई लेकिन कलयुग में कई सारी भटकती आत्माएं होगी.उन्हें कैसे मुक्ति मिलेगी तब बाल्मीकि ने ही कहा था इस तीर्थ पर सभी प्रेत योनियों के मुक्ति का मार्ग खास अनुष्ठान से प्रसस्थ होगा.पुरोहित सौरभ दीक्षित ने बताया कि यही वजह है कि देशभर में अकाल मृत्यु के शिकार हुए लोगों के परिजन उनके मुक्ति की कामना से यहां आते है और त्रिपिंडी श्राद्ध और नारायण बलि देते हैं.

सालों से चली आ रही है परम्परा
जिन लोगों के घर में अकाल मृत्यु के शिकार हुए लोग परेशान करते है या बार बार स्वप्न में आते है उन्हें बैठाने के लिए पूजा के बाद पेड़ में उनकी तस्वीर के साथ सिक्के गाड़े जाते है.हालांकि पेड़ पर सिक्के और कील गाड़ने का कोई शास्त्रीय प्रमाण नहीं है.लेकिन लोक परम्परा में लोग यहां इस काम को करते है.स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा करने से उन्हें इसका असर भी दिखने लगता है और यह परंपरा भी सालों से चली आ रही हैं.