HDFC बैंक की पासबुक पर लगी स्टैंप की सच्चाई जानकर रह जायेंगे हैरान

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निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही बैंक की पासबुक पर लगे डिपॉजिट बीमा के स्टैंप के बारे में स्पष्टीकरण जारी किया है। इस फोटो के वायरल होने से बैंक के ग्राहकों में चिंता हो गई है।
आरबीआई ने जारी किया था सर्कुलर
बैंक ने कहा है कि आरबीआई ने 22 जुलाई, 2017 को सर्कुलर जारी किया था, जिसका पालन किया जा रहा है। यह सर्कुलर नया नहीं है। बल्कि DICGIC के नियमों के तहत यह सभी बैंकों पर लागू है।
क्या लिखा है स्टैंप पर
जिस स्टैंप का फोटो वायरल हो रहा है, उसमें लिखा है कि बैंक में जमा राशि DICGIC से बीमित है और अगर बैंक दिवालिया होता है तो फिर DICGIC प्रत्येक जमाकर्ता को पैसा देने के लिए दिवालिया शोधक के जरिए बाध्यकारी है। ऐसे में ग्राहकों को केवल एक लाख रुपये दो महीने के अंदर में मिलेगा, जिस तारीख को उस ग्राहक ने क्लेम फाइल किया हो।
बैंक ने जारी किया स्टेटमेंट
HDFC बैंक ने अपना स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि जमा पर बीमा कवर के बारे में जानकारी दी गई है। आरबीआई ने अपने सर्कुलर में कहा है कि सभी कमर्शियल बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक और पेमेट बैंक को यह जानकारी ग्राहकों की पासबुक के पहले पन्ने पर देनी होगी।
पीएमसी बैंक में घोटाले से मची हलचल
सहकारी बैंक पीएमसी में हुए घोटाले के बाद यह बहस हो रही है कि ग्राहकों की बैंक में जमा बीमित राशि जो वर्तमान में एक लाख रुपये है, वो काफी कम है। अगर बैंक दिवालिया या फिर किसी तरह के बड़े घोटाले के कारण डूब जाता है, तो फिर एक लाख रुपये तक ही राशि ही ग्राहकों को वापस मिलेगी।
यह है आरबीआई का नियम
आरबीआई की तरफ से जमाकर्ताओं को उनके जमा धन पर मिलने वाले इन्श्योरेंस कवर पर कुछ नियम बनाए हैं। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) के नाम से बने इन नियमों के अनुसार बैंकों में आपके द्वारा जमा किए गए रकम में से केवल एक लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर है। यह कवर सभी तरह के खातों पर लागू है। हम आपको आरबीआई की वेबसाइट पर लिखे नियम को भी यहां दे रहे हैं।
What is the maximum deposit amount insured by the DICGC?
Each depositor in a bank is insured upto a maximum of Rs.1,00,000 (Rupees One Lakh) for both principal and interest amount held by him in the same capacity and same right as on the date of liquidation/cancellation of bank’s licence or the date on which the scheme of amalgamation/merger/reconstruction comes into force.
जानें क्या है बैंक गारंटी के तहत ग्राहक सुरक्षा
मान लीजिए आपका किसी बैंक में खाता है और उसमें मूलधन व ब्याज मिलाकर के 15 लाख रुपये का बैलेंस है और किसी वजह से बैंक दिवालिया हो जाता है। दिवालिया होने की वजह से वह जमाकर्ताओं के पैसे चुकाने की स्थिति में नहीं रहता है, तो ऐसी स्थिति में भी उस बैंक को कम से कम एक लाख रुपये आपको देने ही होंगे। हालांकि एक लाख से ज्यादा जितनी भी रकम होगी (14 लाख रुपये), उसकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है।
निजी,सरकारी सभी तरह की बैंकों पर लागू नियम
आरबीआई का यह नियम सभी बैंकों पर लागू है। इनमें विदेशी बैंक भी शामिल हैं, जिनको आरबीआई की तरफ से लाइसेंस मिला हुआ है। इस हिसाब से देंखे तो पीएनबी इस महाघोटाले के बाद दिवालिया होने की कगार पर खड़ी है।