(www.arya-tv.com) हाथरस के बुलगढ़ी गांव में पीड़ित परिवार के घर सुबह साढ़े 3 बजे से ही हलचल शुरू हो गयी थी। घर की सुरक्षा में लगे पुलिसवाले मुस्तैद नजर आ रहे थे। वजह साफ थी… कुछ देर बाद पीड़ित परिजन इंसाफ की आस में अपना दुखड़ा सुनाने लखनऊ हाईकोर्ट के लिए निकलने वाले थे। सुबह साढ़े 5 बजे एसडीएम के नेतृत्व में 6 गाड़ियों का काफिला लखनऊ के लिए कूच कर चुका था। आपको बता दें कि, यूपी के हाथरस में 19 साल की दलित युवती से कथित बलात्कार और मौत मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में आज सुनवाई हुई। कोरोना संकट काल में पिछले तीन महीनों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब हाईकोर्ट में आमने सामने सुनवाई हुई है।
निर्भया की वकील भी पहुंची….एफिडेविट दिया तब मिली कोर्ट रूम में एंट्री
एक तरफ हाथरस का परिवार पुलिस सुरक्षा में लखनऊ पहुंचा, वहीं निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा भी अपनी गाडी से लखनऊ पहुंची। लगभग 12 बजे वह कोर्ट में दाखिल हुई। चूंकि वह पीड़ित परिवार की तरफ से वकील बनकर पहुंची थी, उन्हें कोर्ट रूम में सुनवाई के समय पेश रहने के लिए एफिडेविट दाखिल करना पड़ा। जिसके बाद उन्हें भी कोर्ट रूम में प्रवेश की अनुमति दी गई।
ढाई बजे शुरू हुई सुनवाई 4 बजे खत्म हुई
दोपहर ढाई बजे के आसपास कोर्टरूम में जस्टिस पंकज मित्तल और राजन रॉय ने सुनवाई शुरू की। जहां पीड़ित परिवार ने अपनी बात रखी। पीड़ित परिवार ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाए। यही नहीं कोर्ट ने गलत तरह से अंतिम संस्कार के लिए डीएम को फटकार भी लगाई। यही नहीं पीड़ित परिवार ने जज से कहा कि हमें यह भी नहीं पता कि हमारी बेटी जलाई गयी या किसी और को जला दिया गया।
साढ़े चार बजे कोर्ट से हाथरस के लिए निकला परिवार
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 2 नवंबर का समय दिया है। यह जानकारी तकरीबन 4 बजे जब बाहर आई तो मीडियाकर्मियों में हलचल मचने लगी। दरअसल, सामने गेट नंबर 5 से अपर महाधिवक्ता वीके शाही मीडिया को ब्रीफ करने के लिए चले आ रहे थे। वह बैरिकेटिंग के पार ही पुलिस से घिरे रहे और मीडिया को ब्रीफ किया। इसी बीच पीछे से हाथरस का पीड़ित परिवार का काफिला कोर्ट से निकल कर हाथरस की ओर बढ़ चला।
