(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की दलित युवती के साथ कथित बलात्कार व मौत के मामले को लेकर पूरे देश में उबाल है। मंगलवार को पीड़िता के घर मार्क्सवादी नेताओं का दल पहुंचा है। जिसमें सीपीआई एम महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, सीपीआईएम पोलिथ व्यूरो की सदस्य वृन्दा करात पीड़ित परिवार से मुलाकात कर रही हैं। वहीं, स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) पांचवीं बार पीड़िता के गांव बूलगढ़ी पहुंची। टीम ने परिवार से मुलाकात की, इसके बाद क्राइम सीन और दाह संस्कार स्थल का भी निरीक्षण किया है। एसआईटी की जांच को बुधवार को सात दिन पूरे हो जाएंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सात दिन के भीतर रिपोर्ट तलब की है। 29 सितंबर को एसआईटी का गठन किया गया था।
पीएफआई कनेक्शन भी तलाश रही एसआईटी
एसआईटी टीम अध्यक्ष गृह सचिव भगवान स्वरुप और डीआईजी चंद्रप्रकाश, आईपीएस पूनम के साथ फॉरेंसिक विशेषज्ञ भी मौजूद हैं। एसआईटी ने पीड़ित के गांव के लोगों से भी बात की है। इसके अलावा एसआईटी इस बात की भी जांच कर रही है पीड़िता के गांव में पीएफआई ने किस तरह की अफवाह फैलाई और दंगे कराने की साजिश रची है। वहीं, हाथरस के सीजेएम (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट), अपर जिला जज भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे हैं। एसआईटी की टीम ने चंदपा थाने का भी दौरा किया, जहां केस दर्ज किया गया था।
केंद्रीय मंत्री ने पीड़ित परिवार से की मुलाकात
केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास अठावले ने मंगलवार को पीड़ित परिवार के बीच पहुंचकर लोगों से मुलाकात की। उन्होंने परिवार को हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिया है। कहा कि सरकार निष्पक्ष जांच व परिवार की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
क्या है पूरा मामला?
हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की दलित युवती से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़ित की मौत हो गई।
इस मामले में चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था। उधर, यूपी सरकार इस मामले की जांच SIT से करवा रही है। पीड़ित का शव जल्दबाजी में जलाने और लापरवाही के आरोपों के बीच हाथरस के एसपी समेत 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड भी किए गए हैं।