गाजा में युद्ध विराम पर किसी की नहीं सुन रहे हमास और पीआईजे, मिस्र के प्रस्ताव को किया खारिज

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(www.arya-tv.com) हमास और इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) ने सत्ता छोड़ने की शर्त पर स्थायी युद्ध विराम करने के समझौते से इनकार कर दिया है। मिस्र के दो सुरक्षा सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स ने सोमवार को बताया है हमास और इस्लामिक जिहाद के सामने मिस्र ने एक प्रस्ताव रखा था,

जिसमें कहा गया था कि वह गाजा पट्टी की सत्ता से अलग हो जाएं तो स्थायी युद्ध विराम हो सकता है। मिस्त्र ने बताया कि दोनों संगठनों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। हमास और पीआईजे ने 7 अक्टूबर को पकड़े गए अधिक बंधकों की रिहाई के अलावा किसी भी रियायत की पेशकश को खारिज कर दिया।

हमास और पीआईजे के कमांडरों के हवाले से बताया गया है कि वह युद्ध विराम के बदले बंधकों को छोड़ने को राजी हैं लेकिन इससे ज्यादा कोई शर्त नहीं मान रहे हैं। हमास और पीआईजे के लोग काहिरा में मिस्र के मध्यस्थों के साथ अलग-अलग बातचीत कर रहे हैं।

मिस्र और कतर ने प्रस्ताव में कहा है कि बंधकों की रिहाई के बदले में युद्धविराम शामिल होगा और गाजा में नेतृत्व के एक बड़े बदलाव के साथ स्थायी युद्ध विराम किया जाएगा।

हमास कमांडरों को पीछा ना करने का भी आश्वासन

रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्र ने प्रस्ताव में हमास को ये भी आश्वासन दिया है कि उसके सदस्यों का पीछा नहीं किया जाएगा या उन पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। हमास और पीआईजे दोनों ने ही प्रस्ताव की ज्यादातर शर्तों पर सहमति नहीं जताई।

दोनों संगठनों का कहना है कि इजरायल युद्ध पूरी तरह से रोके, जिसके बदले में वह अपने कब्जे से 100 से अधिक बंधकों को रिहा कर देंगे। इसके अलावा गाजा छोड़ने या दूसरी शर्तों को ये संगठन नहीं मान रहे हैं।

काहिरा में बातचीत में शामिल रहे हमास के एक कमांडर ने रॉयटर्स को बताया है कि उनका आधिकारिक रुख नहीं बदला है। गाजा में हमारे लोगों के खिलाफ इजरायल को आक्रामकता और नरसंहार को रोकना चाहिए।

हमने अपने मिस्र के भाइयों के साथ इसके तरीकों पर चर्चा की। हमने यह भी कहा कि हमारे लोगों के लिए सहायता बढ़नी चाहिए, यह उत्तर और दक्षिण की सभी आबादी तक पहुंचनी चाहिए।

आक्रामकता रुकने और सहायता बढ़ने के बाद हम कैदियों की अदला-बदली पर चर्चा के लिए तैयार हैं। पीआईजे ने भी यही शर्त समझौते के लिए रखी है, जिसके पास भी कई बंधक होने की बात कही जा रही है।