‘ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट 4 हफ्तों तक नहीं की जाए सार्वजनिक…’ ASI ने वाराणसी कोर्ट से की मांग

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(www.arya-tv.com)ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े विवाद के मामले में बड़ी खबर आई है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने यहां वाराणसी जिला अदालत में प्रार्थना पत्र देकर ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक न करने की अपील की है. एएसआई ने अपनी याचिका में 4 हफ्ते तक का वक्त मांगा है. एएसआई ने अपनी याचिका में 1991 के विश्वेश्वर विराजमान केस का हवाला दिया है. दरअसल हाई कोर्ट में ASI रिपोर्ट को जमा करने का निर्देश दिया है. ऐसे में ASI ने कोर्ट से तब तक का समय मांगा है.

बता दें कि वाराणसी की जिला अदालत में ASI ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश की थी. इसके बाद हिंदू पक्ष ने इसकी कॉपी मुहैया कराने और इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है. वहीं मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति जताते हुए सर्वे रिपोर्ट को सार्वजानिक न करने की मांग की थी.

अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने हिंदू पक्ष की याचिका पर आपत्ति दर्ज कराते हुए जिला जज की अदालत से अनुरोध किया कि शपथ पत्र लेने के बाद ही सर्वे की रिपोर्ट दी जाए. मुस्लिम पक्ष की मांग है कि उस शपथ पत्र में यह सुनिश्चित किया जाए कि सर्वे की रिपोर्ट लीक नहीं होगी. इसके साथ ही मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग भी की गई है.

ज्ञानवापी मामले की हालिया सुनवाई पर हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि ‘अंजुमन इंतजामिया ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा था कि वजुखाना में मछलियां मर गई हैं और उन्हें इसे साफ करने की इजाजत चाहिए. हमने इस अनुरोध का विरोध किया था.’  वकील विष्णु शंकर जैन पहले ही 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर कर चुके हैं. यहां तक कि एएसआई ने भी एक आवेदन दायर कर रिपोर्ट दर्ज करने के लिए 4 हफ्ते का समय मांगा है… अगली सुनवाई 4 जनवरी को होगी.’