पारा में कैब चालक योगेश पाल और शाहजहांपुर में चालक अवनीश दीक्षित की कार लूटने वाले गिरोह के बदमाश गुरुसेवक ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे स्थित जीरो प्वाइंट की सर्विस लेन पर रविवार को खुद को घिरता देख पुलिस टीम पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं। गोलीबारी में क्राइम टीम के प्रभारी इंस्पेक्टर शिवानंद मिश्रा और हेड कांस्टेबल अतुल पांडेय की बुलेट प्रूफ जैकेट पर एक-एक गोली लगी। इसके अलावा एक गोली क्राइम टीम की गाड़ी के कांच पर भी लगी। पुलिस ने घेराबंदी कर जवाबी फायरिंग की, जिसमें गुरुसेवक मारा गया, लेकिन उसका साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया।
डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि 10 अक्टूबर को मुठभेड़ में अजय सिंह उर्फ अमरजीत निवासी पिहानी, हरदोई की गिरफ्तारी के दौरान गुरुसेवक फरार हो गया था। आरोपी अजय ने गिरोह में शामिल अन्य साथियों के नाम बताए थे। इनाम घोषित कर आरोपियों की तलाश में पांच टीमें लगाई गई थीं। इसी दौरान रविवार सुबह पुलिस टीम ने हरदोई के मल्लावां बरहुआ निवासी विकास कुमार कनौजिया को दुबग्गा चौराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था।
पूछताछ में उसने बताया कि वह लंबे समय से इस गिरोह से जुड़ा है और फिलहाल जानकीपुरम के मिर्जापुर इलाके में रह रहा था। विकास पर हरदोई में दो, अलीगंज में दो और पारा थाने में एक आपराधिक मामला दर्ज है। आरोपी विकास पहले कार बुक कराकर रेकी करता था, उसके बाद गिरोह के साथ वारदात करता था। आरोपी उस कैब को ही टारगेट करता था, जिसे मालिक खुद चला रहा हो। 15 सितंबर को बदमाश विकास ने बुद्धेश्वर निवासी योगेश की कार बुक कराई थी। उसने यात्रा के दौरान सारी जानकारी ले ली थी। इसके बाद उसने कार को चिह्नित कर सरगना अजय और गुरुसेवक को बताया था।
फिर 27-28 सितंबर को योगेश को फोन कर सीतापुर के लिए बुक किया। योगेश ने बुकिंग की बात होने के कारण कैंसिल कर दिया था। 29 को फिर विकास ने फोन किया और 3500 रुपये में सीतापुर के लिए कैब बुकिंग की बात कही। रास्ते में आरोपियों ने मिलकर योगेश की हत्या कर शव सीतापुर के पिसावां स्थित सरियापुर–फुख्खा गांव के खेतों में झाड़ियों में फेंक दिया था। डीसीपी ने बताया कि पुलिस गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
लखनऊ में छिपाई थी शाहजहांपुर से लूटी कार
डीसीपी ने बताया कि शाहजहांपुर में चालक अवनीश दीक्षित की हत्या कर लूटी गई कार गुरुसेवक व उसके साथी ने लखनऊ में छिपाई थी। रविवार रात आरोपी कार लेकर दूसरे प्रांत में बेचने के इरादे से निकले थे। आरोपियों ने कार लखनऊ में कहां छिपाई थी, यह फरार साथी के मिलने के बाद ही स्पष्ट होगा। फिलहाल सीसी कैमरों के फुटेज खंगाले जा रहे हैं।