केवल उन्हीं टेंडर्स को किया जाएगा रद्द जिनमें चीनी कंपनियो के जीतने की उम्मीद

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www.arya-tv.com) सरकारी ठेकों के लिए शुरू हो चुकी नीलामी प्रक्रियाओं को सरकार सिर्फ चीनी कंपनियों के शामिल होने की वजह से कैंसल नहीं करेगी। दो सरकारी अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि ऐसा अहम प्रॉजेक्ट्स में बेवजह देरी से बचने के लिए किया जाएगा। सरकार केवल उन टेंडर्स को रद्द करेगी, जिनमें चीनी कंपनियों के जीतने की संभावना है।

गुरुवार को केंद्र सरकार ने कहा कि देश के साथ सीमा साझा करने वाली उन कंपनियों को सरकारी ठेकों में शामिल होने से रोका जाएगा, जो उद्योग विभाग के साथ रजिस्टर नहीं हैं। कहा गया कि यह फैसला देश की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लिया गया है। माना जा रहा है कि यह कदम सीमा पर तनाव की वजह से चीन को आर्थिक झटका देने के लिए उठाया गया है। इस आदेश में किसी देश का नाम नहीं लिया गया है। यह सभी आगामी टेंडर्स के साथ ही उनपर भी लागू होगा जिनके लिए बोलियां मंगा ली गई हैं, लेकिन आवंटित नहीं की गई हैं।

सरकार के दो अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि मौजूदा टेंडर प्रक्रिया को तभी कैंसल किया जाएगा जब तकनीकी रूप से योग्य बोली लगाने वालों में कोई चीनी कंपनी भी होगी और उसकी बोली सबसे कम होगी। टेंडर का मूल्यांकन दो हिस्सों में किया जाता है- तकनीकी योग्यता और बोली कीमत। एक कंपनी तभी शॉर्टलिस्ट होती है जब वह सभी टेक्नीकल योग्यताओं को पूरी करती हो। इसके बाद सभी बोलीकर्ताओं का मूल्य देखा जाता है। सबसे कम की बोली लगाने वाले को ठेका दिया जाता है।

फैसलो को स्पष्ट करने के लिए एक आदेश सभी मंत्रालयों, पीएसयू और राज्य सरकारों को भेजकर कहा गया है कि मौजूदा टेंडर प्रक्रियाओं को सिर्फ इसलिए रद्द ना करें कि बोलीकर्ताओं में कोई चाइनीज कंपनी भी है या योग्य बोलीकर्ताओं में शामिल है। अधिकारी ने कहा दूसरे शब्दों में कहें तो इसका मतलब है कि यदि कोई टेंडर चीनी कंपनी को मिलने की संभावना नहीं है तो इसे कैंसल ना करें।

यह स्पष्टीकरण केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को हितधारकों की ओर से यह चिंता प्रकट किए जाने के बाद जारी किया गया कि सभी टेंडर्स को रद्द कर देने से समय की काफी बर्बादी होगी। अधिकारी ने कहा कि 23 जुलाई के आदेश के बाद मौजूदा टेंडर्स को लेकर कुछ दुविधा थी।