राजधानी में चिकित्सकों का प्रदर्शन:डॉक्टरों पर हो रहे हमलों पर सरकार मेडिकल प्रोटेक्‍शन एक्‍ट के तहत करे कार्रवाई

Health /Sanitation Lucknow

(www.arya-tv.com)चिकित्‍सकों पर लगातार हो रहे हमलों व उनके क्लीनिकों पर तोड़फोड़ जैसी घटनाओं को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की स्थानीय इकाई ने ‘नेशनल प्रोटेस्ट डे’ पर काला फीता बांधकर प्रदर्शन किया। डॉक्टरों ने सरकार से गुहार लगाते हुए मेडिकल प्रोटेक्‍शन एक्‍ट के तहत ऐसे मामलों पर कार्रवाई करके दोषियों को सजा देने की मांग की।

चिकित्‍सकों ने देशभर में डॉक्टरों पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता जाहिर करते हुए सरकार से तत्काल संज्ञान लेकर कार्रवाई की मांग की।केजीएमयू के आरएएलसी कोविड अस्‍पताल में ड्यूटी कर रहे रेजीडेंट्स डॉक्‍टर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य भी काला फीता बांधकर ड्यूटी करते नज़र आएं।

कोविड में शहीद हुए 1372 डॉक्टर – डॉ सूर्यकांत

रिवर बैंक कॉलोनी स्थित आईएमए भवन पर प्रदर्शन में शामिल आईएमए-एएमएस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेशनल वाइस चेयरमैन डॉ सूर्यकांत ने कहा कि‍ चिकित्सक दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए होता है,लेकिन आज हालात ऐसे हो रहे हैं कि डॉक्‍टरों के खुद की जान बचाने के लाले पड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि‍ वर्ष 2018 में जब वह आईएमए लखनऊ के अध्‍यक्ष थे, तब तत्‍कालीन पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह से मिलकर चिकित्‍सकों की सुरक्षा को लेकर वर्ष 2013 में बने मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की जानकारी थानास्‍तर तक भिजवाने में सफल हो पाये थे, लेकिन अफसोस है कि उस कानून के तहत किसी भी आरोपी को सजा नहीं मिल पा रही है।उन्होंने कहा कि देश में कोरोना काल में पूरे सेवा भाव से चिकित्‍सकों ने कार्य किया, जिसमें 1372 चिकित्सक शहीद हो गए, पर अभी भी चिकित्सकों के प्रति लोगों के बर्ताव सही नही हुआ।

आईएमए लखनऊ की अध्यक्ष डॉ रमा श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना काल में पूरी निष्ठा के साथ कार्य करने के बावजूद आज भी कुछ लोग डॉक्टर्स के साथ अभद्र व्यवहार करते हैं,उनके अस्पताल को नुकसान पहुंचाते हैं, मारपीट करते हैं।ऐसे मामलों पर पीएम व सीएम से कठोर कानून बनाकर एक्शन लेने की अपील करते हुए डॉक्टर एवं हेल्थ वर्कर के साथ किसी प्रकार का अभद्र व्यवहार न करने की बात कही।