(www.arya-tv.com) साल का अंतिम चंद्र ग्रहण मंगलवार को लगा। ग्रहण की शुरुआत शाम 5.06 मिनट पर हुई और ग्रहण का मोक्ष 6.19 मिनट पर हुआ। नक्षत्रशाला में लोग इस खगोलीय घटना को देख रोमांचित नजर आए।
चंद्र ग्रहण के नौ घंटे पहले सूतक लगगे के साथ ही सुबह गोलघर काली मंदिर, रेती चौक कालीबाड़ी, बेतियाहाता हनुमान मंदिर सहित सभी मंदिरों का कपाट बंद कर दिए गए। खाने-पीने की वस्तुओं में तुलसी पत्ते डालकर रख दिए गए। शाम को जैसे ही ग्रहण की शुरुआत हुई लोगों ने घरों में हरिनाम संकीर्तन करने के साथ ही हनुमान चालीसा, दुर्गा सप्तसती का पाठ करना शुरू कर दिया। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं ने विशेष सावधानी बरतते हुए घर के भीतर ही रहीं और टहलकर ग्रहण काल बिताया। जैसे ही ग्रहण समाप्त हुआ। मंदिरों के कपाट को खोकर मंदिर की साफ-सफाई कर भगवान को स्नान कराया गया और नए वस्त्र पहनाए गए। अंत में विधि-विधान से पूजन-अर्चन के बाद आरती की गई। वहीं दूसरी तरफ ग्रहण के बाद घरों की सफाई कर लोगों ने खुद स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण किए। इसके बाद पूजन-अर्चना कर आटा, चावल आदि खाद्य सामग्रियों को वितरण जरूरतमंदों में किया।
नक्षत्रशाला में दिखाया गया चंद्र ग्रहण
वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाल में लोगों को वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय और खगोलविद अमरपाल सिंह के नेतृत्व में टेलीस्कोप के माध्यम से लोगों को चंद्र ग्रहण दिखाया गया। इस दौरान वहां बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ लगी रही। इसीक्रम में व्राटिना टेक्नोलॉजी के सचिव सचिंद्रनाथ ने बताया संस्था के ओर से भी चंद्र ग्रहण देखने के इंतजाम किए गए थे।