गोरखपुर में रीजेंसी हॉस्पिटल के उदघटन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर में उच्च स्तरीय इलाज के लिए अब न तो स्पेशलिटी सुविधाओं की कमी है और न ही पैसे की. यहां सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं हैं और आम नागरिक को उसका लाभ दिलाने की प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान) भी है. यदि किसी के इलाज में आयुष्मान योजना की राशि कम पड़ेगी तो मुख्यमंत्री राहत कोष और जनप्रतिनिधियों की निधि से उसकी भरपूर मदद की जाएगी.
सीएम योगी रविवार को रीजेंसी हॉस्पिटल के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने हॉस्पिटल का निरीक्षण कर सुविधाओं का जायजा लिया और हॉस्पिटल के पेशेंट एप ‘रीजेंसी माई केयर’ को भी लांच किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले महंगी स्वास्थ्य सुविधाएं गरीब के लिए दुर्लभ थीं, पर आज सहज उपलब्ध होने लगी हैं.
पांच करोड़ से अधिक को मिला लाभ
यूपी सरकार ने साढ़े पांच करोड़ लोगों को आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का निशुल्क उपचार उपलब्ध कराया है. इसके आलावा जिन लोगों के पास आयुष्मान योजना या मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ नहीं है, उनके लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से है. विधायकों को भी उनकी निधि से पचीस लाख तक की सहायता इलाज के लिए देने का अधिकार दिया गया है.
सीएम योगी ने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से भी पिछले एक वर्ष में 1100 करोड़ रुपये इलाज के लिए दिए गए हैं. पहले यह सुविधाएं नहीं थीं और अगर कुछ सुविधाएं मिलती भी थीं तो ‘पिक एण्ड चूज’ के माध्यम से चेहरा देखकर मिलती थीं.
बिना भेदभाव सुविधाएं देना सरकार का लक्ष्य
सीएम योगी ने कहा कि जनता के साथ जो हर समय खड़ी हो वही सरकार है. सरकार का लक्ष्य हो कि जनता को बिना भेदभाव के सभी सुविधाएं प्राप्त हों. उन्होंने कहा कि इलाज हेतु प्रधानमंत्री राहत कोष से भी पैसा मिलता है. आज हर एक स्तर पर यह सुविधा मिल रही है. पिछले 11 वर्ष में विकासपरक परिवर्तन के फलस्वरूप व्यक्ति की आर्थिक क्षमता भी बढ़ी है. व्यक्ति पैसा खर्च कर सकता है बस उसको सुविधाओं की आवश्यकता रहती है.
मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का शुरू होना बड़ी उपलब्धि
मुख्यमंत्री ने कहा कि ढाई सौ बेड का अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त मल्टी सुपर स्पेशलिटी का शुरू होना गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है. एक ही छत के नीचे यहां सारी सुविधाएं मिलेंगी. इसका लाभ पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमोत्तर बिहार और नेपाल के लोगों को भी मिलेगा. यहां 80 बेडेड आईसीयू की भी सुविधा है.
उन्होंने कहा कि की कानपुर में रीजेंसी हॉस्पिटल चिकित्सा सेवा के बैक बोन के रूप में है और यूपी में इसकी श्रृंखला शुरू हो रही है. इस हॉस्पिटल को गोरखपुर में स्थापित कराने के लिए सीएम योगी ने इसके साझीदार तनमय मोदी की मुक्त कंठ से सराहना की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल उपचार का माध्यम है लेकिन यदि उपचार में सावधानी और सतर्कता नहीं बरती गई तो वह इंफेक्शन का भी माध्यम बन जाता है. इस अस्पताल में इन सभी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है. यह अस्पताल इस क्षेत्र के पांच करोड़ आबादी के लिए एक बेहतरीन स्वास्थ्य केंद्र बनेगा.
दस वर्ष पहले बेहद खराब थी पूर्वी यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था
सीएम योगी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में आज से दस वर्ष पहले स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत बहुत खराब थी. सरकार उदासीन थी, जनता जैसे-तैसे अपना जीवनयापन करती थी. जनता को उत्तम स्वास्थ्य की सुविधा देने की प्रतिबद्धता के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कार्य शुरू किया तो देश में स्वास्थ्य सुविधाओं में बेहतरीन वृद्धि देखने को मिली.
आज से दस वर्ष पूर्व, पूर्वी यूपी में बीआरडी मेडिकल कॉलेज ही एक मात्र बड़ा स्वास्थ्य केंद्र था, जो खुद ही बीमार था. शासन की प्रतिबद्धता से आज बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं. गोरखपुर में एम्स भी संचालित हो गया है, दर्जनों अन्य अस्पताल भी खुल गये हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पूर्वी यूपी में गोरखपुर में ही मेडिकल कॉलेज था. आज बस्ती, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, अयोध्या, जौनपुर, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, प्रतापगढ़, आजमगढ़, अम्बेडकरनगर, चंदौली, मिर्जापुर आदि जिलो में भी मेडिकल कॉलेज हैं. बलिया में भी सरकार मेडिकल कॉलेज खोलने जा रही है. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में स्वास्थ्य केंद्रों की एक लंबी श्रृंखला है, पहले इसका अभाव था. अब पूर्वी यूपी के जनपद गोरखपुर व जनपद रायबरेली में एम्स भी संचालित है. वाराणसी में टाटा कैंसर अस्पताल के सहयोग के साथ कैंसर के उपचार हेतु बीएचयू में एक बेहतरीन सेंटर का भी निर्माण किया गया है.
स्वास्थ्य क्षेत्र में होनी चाहिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए. हमें इस क्षेत्र में अच्छे मॉडल देने पड़ेंगे. यह मॉडल गोरखपुर में आज से 22-23 वर्ष पूर्व गुरु गोरखनाथ चिकित्सालय द्वारा चलाये गये माॅडल की तरह हो सकता है. उस समय गोरखपुर में आईसीयू तथा डायलिसिस की सुविधा नहीं थी, तब इस अस्पताल ने आईसीयू तथा डायलिसिस की सुविधा का लाभ गोरखपुर को उपलब्ध कराया था.
अस्पताल ने ब्लड बैंक की स्थापना को आगे बढ़ाकर ब्लड सेप्रेटर यूनिट व ब्लड एप्रेसिस यूनिट की भी व्यवस्था की थी. उस समय इस अस्पताल ने व्यक्ति की जरूरत व आर्थिक स्थिति के अनुसार स्वास्थ्य सुविधा देने का मॉडल दिया था. अब इस मॉडल को अपग्रेडेड मॉडल के रूप में आगे बढ़ाने की आवश्यकता है.
आठ-नौ सौ लोगों को सुलभ होगा रोजगार: डॉ. कपूर
लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वागत करते हुए रीजेंसी हॉस्पिटल समूह के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. अतुल कपूर ने हॉस्पिटल में उपलब्ध सुविधाओं और सेवाओं की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस हॉस्पिटल से स्थानीय स्तर पर आठ से नौ सौ लोगों को रोजगार भी सुलभ होने जा रहा है. समारोह को गोरखपुर के सांसद रविकिशन शुक्ल और पिपराइच के विधायक महेंद्रपाल सिंह ने भी संबोधित किया.