(www.arya-tv.com) गोरखपुर-लखनऊ के बीच चलने वाली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदेभारत एक्सप्रेस रेलवे के लिए फिलहाल घाटे का सौदा साबित हो रही है। ज्यादा किराया होने की वजह से हाईटेक सुविधाओं से लैस इस ट्रेन को यात्री नहीं मिल रहे हैं। शायद यही वजह है कि AC चेयर कार में जहां औसतन रोजाना 300 सीटें खाली रह रही हैं। वहीं, एग्जीक्यूटिव क्लास में भी औसतन 30 सीटें खाली जा रही हैं।
ऐसे में इससे रोजाना रेलवे को औसतन सवा तीन लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। इस तरह से देखा जाए तो अब तक 39 दिन में (9 जुलाई से 21 अगस्त तक) 1.26 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है।
अब प्रयागराज तक चलाने की तैयारी
हालांकि, इस वंदे भारत ट्रेन से हो रहे नुकसान की भरपाई को पूरी करने के लिए भी रेलवे की ओर से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। रेलवे प्रशासन इस ट्रेन को अब प्रयागराज तक चलाने की तैयारी में है। इसके साथ ही गोरखपुर से प्रयागराज के बीच स्टॉपेज भी बढ़ाने पर विचार कर रही है। ताकि यात्रियों को वंदे भारत में सफर करने का मौका मिल सके।
25% से 30% तक कम हो सकता है किराया
ऐसा नहीं है कि यह हाल सिर्फ गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का है। बल्कि देश भर में चल रही छोटी दूरी वाली अन्य वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की सीटें भी पूरी तरह फुल नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में रेलवे बोर्ड की ओर से अब इस ट्रेन के किराए का रिव्यू किया जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही वंदे भारत ट्रेन में 25% से 30% तक किराया कम हो सकता है।
7 जुलाई को पीएम मोदी ने दिखाई थी हरी झंडी
दरअसल, 7 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इसके बाद एनई रेलवे की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन 9 जुलाई से गोरखपुर से लखनऊ के बीच शुरू हुआ।
ट्रेन नंबर 22549 गोरखपुर से लखनऊ वाया अयोध्या सुबह 6.05 बजे गोरखपुर से चलकर सुबह 10.20 बजे लखनऊ पहुंचती है। वापसी में 22550 लखनऊ-गोरखपुर वंदे भारत शाम 7.15 बजे लखनऊ जंक्शन से रवाना होती है, लेकिन महंगे फेयर ने वंदे भारत को लेकर एक अलग ही चर्चा का विषय बना दिया है।