गोरखपुर से लखनऊ अब सिर्फ साढ़े तीन घंटे में, लिंक एक्सप्रेस वे का उद्घाटन होगा जल्द

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(www.arya-tv.com) योगी सरकार उत्तर प्रदेश के बहुप्रतीक्षित गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर आवागमन की पूर्ण सुविधा इसी माह शुरू करने की तैयारी में है. ये वही गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे है, जिसे लेकर अखिलेश-प्रियंका ने 2024 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले 25 मई को सहारा स्टेट मैदान में योगी सरकार पर तंज कसा था कि योगी और भाजपा सरकार 90 किमी का एक ऐसा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस में बना रही है, जिसे बनाने में 6 हजार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं. उन्होंने इसमें घोटाले का भी आरोप लगाया था. अखिलेश ने सपा सरकार में बने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे का जिक्र भी किया था.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर बाईपास एनएच- 27 ग्राम जैतपुर के पास से प्रारंभ होकर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर जनपद आजमगढ़ के सालारपुर में समाप्त होगा. 91.352 किमी लंबे इस एक्सप्रेस-वे की कुल लागत 5876.67 करोड़ रुपए (भूमि अधिग्रहण पर व्यय समेत) है. इसमें लगभग 1700 करोड़ रुपए लागत और अन्य राशि भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की है.

97 प्रतिशत काम हो चुका एक्सप्रेसवे का
यूपी एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर 10 जून तक गोरखपुर लिंक एक्‍सप्रेसवे का 97 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इस एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से गोरखपुर क्षेत्र, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के माध्यम से लखनऊ, आगरा एवं दिल्ली तक त्वरित और सुगम यातायात कॉरिडोर से जुड़ जाएगा. इससे जनपद गोरखपुर, अम्बेडकर नगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़ सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे तीव्र संपर्क और बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करेगा. साथ ही साथ संबंधित क्षेत्र के जनमानस को भी एक दूसरे के और निकट लाने में मदद करेगा.

एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल के लोगों को होगा फायदा
दो दिन पूर्व गोरखपुर के कमिश्नर अनिल ढींगरा ने बड़ी परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में निर्माण कार्य मे तेजी लाते हुए इस माह के अंत तक लिंक एक्सप्रेसवे का काम पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल के एक बड़े क्षेत्र के लोगों को लखनऊ पहुंचने में महज साढ़े तीन घंटे का समय लगेगा. इसके अलावा दिल्ली से लेकर आगरा तक के शानदार सफर का आनंद लोग ले सकेंगे. एक्सप्रेसवे के प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत, समय की बचत एवं पर्यावरणीय प्रदूषण का नियंत्रण भी संभव हो सकेगा.