भारत और नेपाल की पुलिस तस्करी रोकने के लिए तैयार

Gorakhpur Zone UP

गोरखपुर।(www.arya-tv.com) मानव तस्करी रोकने के लिए भारत और नेपाल पुलिस मिलकर काम करेगी। उन स्वयंसेवी संगठनों और सदस्यों की विशेष जांच होगी, जो बार्डर या सीमावर्ती इलाकों में पंजीकृत और सक्रिय हैं। डीआइजी राजेश मोदक और नेपाल पुलिस के अधिकारियों ने यह निर्णय महराजगंज के सोनौली बार्डर पर हुई बैठक में लिया है।

नेपाल में आर्थिक दुश्वारियां झेलने वाले दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्र के लोग रोजगार की तलाश में सीमावर्ती इलाकों में आते रहते हैं। मानव तस्कर इसी का फायदा उठाकर उन्हें अपना शिकार बना लेते हैं। लड़कियों और महिलाओं को घरों में काम दिलाने के नाम पर जाल में फंसाया जाता है। भारत के दूसरे राज्य ही नहीं खाड़ी देशों में भी उन्हें भेजा जाता है।

ऐसे गिरोह की धरपकड़ के लिए दोनों देशों की पुलिस अब संयुक्त रूप से काम करेगी। सीमावर्ती क्षेत्रों और बार्डर पर सक्रिय संस्थाओं की सूची तैयार कर उसका सत्यापन कराया जाएगा। उन्हीं संस्थाओं को काम करने की अनुमति मिलेगी, जिन्होंने सीमाई इलाके में काम करने लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।

नेपाल सरकार ने अपने नागरिकों पर रोजगार के लिए खाड़ी देशो में जाने पर रोक लगा रखी है। इसके चलते नेपाली मूल के लोगों का पासपोर्ट भारतीय पते पर बनवाया जाता है। यह काम तस्करों का गिरोह करता है। ऐसे ही एक आरोपित राकेश पासवान को गोरखपुर पुलिस ने दो दिन पहले ही गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उसने 31 नेपाली नागरिकों का पासपोर्ट भारतीय पते पर बनवाकर उन्हें विदेश भेजा है।

डीआइजी राजेश मोदक का कहना है कि मानव तस्करी रोकने के लिए दोनों देशों की पुलिस में साथ मिलकर काम करने की सहमति बनी है। इसके लिए नियमित रूप से संयुक्त बैठक कर सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा।