(www.arya-tv.com)तारीख 18 दिसंबर 2021, अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में आम दिनों की ही तरह भीड़ थी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) के सेवादार आने-जाने वालों पर नजर रखे हुए थे। शाम 5 बजकर 45 मिनट का वक्त रहा होगा। एक युवक जाली फांदकर मंदिर के सबसे पवित्र स्थान में घुस गया। पलक झपकते ही सेवादारों ने उसे पकड़ लिया। ये सब महज 8 सेकेंड के भीतर हुआ। बाद में उस युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
घटना ने पंजाब को झकझोर दिया
इस घटना ने पंजाब को झकझोर दिया है। राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। किसी बड़ी साजिश की आशंका ने लोगों को डरा दिया है।
स्वर्ण मंदिर और आसपास के इलाके में भीड़ है। पुलिसकर्मियों की चौकस निगाहें आने-जाने वालों को स्कैन कर रही हैं, लेकिन लोगों के मूवमेंट पर कोई रोक-टोक नहीं है। हालांकि, दुकानदार और स्थानीय लोग अभी भी सकते में हैं।
उधर, चुनावी माहौल में हुई बेअदबी की इस घटना का असर अमृतसर और पंजाब पर साफ नजर आता है। लोग आहत हैं और इस घटना के बाद उठे सवालों के जवाब खोज रहे हैं। मंदिर के पास लोग कैमरे के सामने बात करने से हिचकते हैं, लेकिन बिना कैमरे के वे खुलकर अपने जज्बात जाहिर करते हैं।
इसके पीछे कोई बड़ी साजिश हो सकती है
मंदिर के पास पिछले 3 साल से चने बेच रहे लक्ष्मण भाटिया कहते हैं कि कोई गुरु की बेअदबी क्यों करेगा, वो भी स्वर्ण मंदिर आकर। जाहिर है इसके पीछे कोई बड़ी साजिश हो सकती है। बगल में खड़े कपड़े का कारोबार करने वाले एक गैर सिख कारोबारी कहते हैं, ‘इस घटना से भारत ही नहीं विदेशों में भी लोग आहत हुए हैं। आगे अगर ऐसी और कोई घटना होती है तो उसके बाद क्या होगा, ये कहना मुश्किल है।’
कानून और सरकार पर विश्वास नहीं
बेअदबी करने वाले युवक की हत्या के सवाल पर वे कहते हैं कि अब लोगों का कानून और सरकार पर विश्वास नहीं है। लोगों को ये लगा कि पुलिस उस युवक को छोड़ देगी, इसलिए उन्होंने कानून को अपने हाथ में ले लिया।
घटना की जांच कर रही SIT ने गुरुद्वारे और आसपास के CCTV फुटेज हासिल किए हैं। संदिग्ध युवक के संपर्क में आए या उससे बात करने वाले लोगों से भी पूछताछ की है। उसके DNA सैंपल लिए गए हैं। फिंगर प्रिंट भी डेटाबेस से मैच कराने की कोशिश की गई है, लेकिन SIT अभी तक युवक की पहचान नहीं कर पाई है। वहीं, SGPC ने युवक की पहचान में मदद के लिए 5 लाख के ईनाम की घोषणा कर दी है।
घटना के संबंध में खुलकर बात नहीं की
SIT के सदस्य हरपाल सिंह कहते हैं कि अभी तक हमें ऐसा कोई सुराग नहीं मिला है, जिससे युवक की पहचान हो सके। उसका कोई परिचित या परिजन भी सामने नहीं आया है। हमने सोशल मीडिया खंगाला है। देशभर की पुलिस को इसकी तस्वीरें भेजी हैं। आधार डेटाबेस से भी बायोमेट्रिक डीटेल्स मैच कराने की कोशिश की है। हम ये भी पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि कहीं इसका कोई और साथी तो नहीं था।
युवक की पहचान जाहिर नहीं होने से साजिश की आशंका लोगों के मन में बढ़ गई है। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि कहीं इस साजिश के तार विदेश (यानी पाकिस्तान) से तो नहीं जुड़े हैं?
SGPC के अधिकारियों ने अभी तक घटना के संबंध में खुलकर बात नहीं की है। हमने जब इस संबंध में बात करने की कोशिश की तो वे मुलाकात के लिए तो तैयार हुए, लेकिन सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया।