कभी बैंकों के लिए सुरक्षित माने जाते थे गोल्ड लोन, लेकिन अब बढ़ते NPA ने परेशानी में डाला

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(www.arya-tv.com)बैंकों के लिए जोरदार मुनाफे के साथ सुरक्षित माने जाने वाले गोल्ड लोन अब मुसीबत बनते नजर आ रहे हैं। गोल्ड लोन में नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) तेजी से बढ़ रहा है। जून तिमाही में कुछ बैंकों का 83% NPA सिर्फ गोल्ड लोन की वजह से बढ़ा है।

सोने की कीमत गिरना बना कारण
दरअसल, आधे से ज्यादा गोल्ड लोन कोरोना की दस्तक के बाद बंटे हैं। उस समय सोने की कीमत 56 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम थी। अब सोना 48 हजार रुपए के करीब है। ऐसे में बड़ी संख्या में कर्जधारक लोन चुकाने की जगह डिफॉल्ट करना अधिक फायदे का सौदा समझ रहे हैं।

ICICI का 1,123 करोड़ का गोल्ड लोन हु़आ NPA
अप्रैल-जून तिमाही के लिए अब तक आए नतीजों के मुताबिक ICICI फेडरल और कैथोलिक सीरियन बैंक का NPA बढ़ा है। इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी रिटेल लोन की और उसमें भी गोल्ड लोन की रही है।

  • बीती तिमाही ICICI बैंक का NPA 7,231 करोड़ रुपए बढ़ गया। इसमें 6,773 करोड़ रिटेल लोन से है, जिसमें गोल्ड लोन की हिस्सेदारी 1,123 करोड़ (16.6%) रुपए रही।
  • जून तिमाही में फेडरल बैंक का NPA 640 करोड़ बढ़ गया, जिसमें गोल्ड लोन की हिस्सेदारी 86 करोड़ (13.5%) रही।
  • इस दौरान दक्षिण भारत के कैथोलिक सीरियन बैंक के 435 करोड़ के नए NPA में 361 करोड़ रुपए (83%) की हिस्सेदारी अकेले गोल्ड लोन की रही है।

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस हेड प्रकाश अग्रवाल के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले सोने की कीमत में आई गिरावट गोल्ड लोन के चलते बैंकों को हो रहे नुकसान की एक बड़ी वजह है।

बीते दो साल में ढाई गुना बढ़े गोल्ड लोन
कोविड की पहली लहर के कुछ ही माह बाद दूसरी लहर आ गई। इसके चलते लोन की किस्तें रुकने लगीं, लेकिन मांग बढ़ती रही। बीते दो साल में गोल्ड लोन वितरण ढाई गुना बढ़ गया। जून 2019 में जहां कुल 25,405 करोड़ के गोल्ड लोन दिए गए, वहीं जून 2021 तक ये बढ़कर 62,221 करोड़ पर पहुंच ग

महीना लोन बांटा (करोड़ रुपए में)
जून 2019 25,405
जून 2020 34,267
जून 2021 62,221

काफी मुश्किल रहे अप्रैल और मई, जून से सुधरी स्थिति
आईसीआईसीआई बैंक के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर संदीप बत्रा के मुताबिक, ज्यादातर गोल्ड लोन लॉकडाउन के चलते अप्रैल और मई में फंसे। हमें उम्मीद है कि इसमें से एक बड़े हिस्से की वापसी जल्द हो जाएगी। जून और जुलाई इस मामले में बेहतर रहे।’ यहां गौर करने वाली बात है कि देश में कोविड महामारी की दूसरी लहर अप्रैल और मई में चरम पर थी। इसी दौरान एनपीए बढ़ा है।