ई रिक्शा चालक ने भरा अफजाल अंसारी और पारसनाथ राय के खिलाफ पर्चा, कहा- चुनाव जीता तो…

# ## UP

गाजीपुर में 7 मई से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई है. नामांकन प्रक्रिया के तीसरे दिन एक ई रिक्शा चालक कुबेर राम ने भी अपना नामांकन किया. कुबेर राम ने जनता राज पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन किया है. कुबेर राम नामांकन करने भी अपने ई रिक्शा से ही पहुंचे और ई रिक्शा को उन्होंने गुब्बारों से सजा भी रखा था. अपने प्रस्तावकों के साथ सजे-धजे ई रिक्शा पर पहुंचे कुबेर राम ने दावा किया कि यहां की जनता ने उनको जीत दिलायी तो वो उनके लिये एयरपोर्ट बनवायेंगे और विकास की गंगा बहायेंगे.

65 वर्षीय कुबेर राम बिरनो क्षेत्र के जयरामपुर के रहने वाले हैं और पिछले 41 वर्षों से रिक्शा चला रहे हैं. पहले जब पैडल रिक्शा चला करते थे, तब ये उसे चलाते थे और जब ई रिक्शा का दौर शुरू हुआ तब उन्होंने लोन लेकर अपना एक ई रिक्शा खरीद लिया. कुबेर एक वर्ष से ई रिक्शा चला रहे हैं और अभी उनके ऊपर दो लाख के करीब का कर्ज भी है. कुबेर राम इससे पहले भी चुनाव में कई बार भाग्य आजमा चुके हैं. सबसे पहले उन्होंने 2009 में लोकसभा चुनाव के लिये नामांकन पत्र दाखिल किया था लेकिन उनका दावा है कि अफसरों ने उनपर दबाव डलवाकर उनका नामांकन वापस करा दिया था. उसके बाद फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने नामांकन किया और चुनाव भी लड़े और उनको 5 हजार वोट भी मिले. इसके अलावा कुबेर नाम ने विधानसभा चुनाव भी लड़े. 2012 में जंगीपुर विधानसभा और 2017 में जखनियां विधानसभा चुनाव उन्होंने लड़ा और अब पांचवीं बार कुबेर राम फिर मैदान में हैं.

एयरपोर्ट बनवाने की घोषणा
कुबेर राम ने दावा किया कि यदि वो चुनाव जीत जाते हैं तो यहां की जनता को एयरपोर्ट की सौगात देंगे साथ ही चार और ओवरब्रिज बनाने का दावा भी उन्होंने किया. गाजीपुर- ताड़ीघाट रेलवे लाइन का विस्तार मऊ तक करने का दावा भी कुबेर कर रहे हैं. अब तक सांसद और विधायक रहे माननीयों पर आरोप लगाते हुए कुबेर ने कहा कि गाजीपुर में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है और यहां गरीबी बहुत ज्यादा है. कुबेर राम ने आरोप लगाया कि 2009 में उनका पर्चा जबरन खारिज करा दिया गया पर खारिज कराने के लिये अधिकारियों ने मेरी जो मिन्नतें कीं वो मुझे बहुत अच्छा लगा.जिसकी वजह से चुनाव लड़ने में उनको मजा आता है. दरअसल 2009 में गाजीपुर लोकसभा के प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा हो गयी थी और यदि कुबेर राम चुनाव लड़ते तो प्रशासन को दो ईवीएम मशीनों का इंतजाम हर बूथ पर करना पड़ता जिसकी वजह से प्रशासन ने कुबेर राम से पर्चा वापस लेने का निवेदन किया था.

कुबेर राम ने बताया अधिकारियों की मिन्नतें उसे अच्छी लगी और उनको चुनाव लड़ने में मजा आने लगा. आगे उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी कंपनियां गाजीपुर में आएं और पूर्वांचल विकास हो यही उनकी मंशा है. उनका दावा है चुनाव पार्टी उनको कुछ चुनाव खर्च दे रही है लेकिन बावजूद इसके उनके ऊपर दो लाख का कर्ज हो गया है जिसे धीरे-धीरे भर देंगे. फिलहाल कुबेर राम का दावा है कि इस चुनाव में उनको सफलता मिलेगी और वो चुनाव जीतेंगे.दावे सभी के अपने-अपने हैं पर कुबेर राम का चुनाव में उतरना यहां चर्चा का विषय जरूर बन गया है.