(www.arya-tv.com) शहर में बने होटल-रेस्तरां, मॉल्स-मल्टीप्लेक्स में जाना महंगा हो सकता है. नगर निगम इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश करने वाला है, जिसके बाद इनका खर्च बढ़ेगा, और यह खर्च का भार वहां जाने पर वाले लोगों से वसूला जा सकता है. यह प्रस्ताव उद्योग, दुकानों समेत सभी तरह की कमर्शियल प्रॉपर्टी पर लागू होगा.
गाजियाबाद नगर निगम वाटर टैक्स से जितनी आमदनी करता है, उससे करीब 10 गुना ज्यादा फंड हर साल पानी की आपूर्ति पर खर्च करता है. निगम अधिकारी पानी के संसाधनों से होने वाली आमदनी को बढ़ाने पर मंथन कर रहे हैं. निगम के जलकल विभाग की ओर से वर्ष 2015 में व्यावसायिक और घरेलू भवनों से पानी का यूजर चार्ज वसूलने का प्रस्ताव तैयार किया गया था. तत्कालीन बोर्ड ने आवासीय भवनों की बजाय पहले चरण में सिर्फ व्यावसायिक भवनों पर यूजर चार्ज लगाने की सहमति दे दी थी. इसके बाद यह प्रस्ताव फाइलों में बंद हो गया. अब 26 सितंबर को हुई बोर्ड बैठक में अधिकारियों ने दोबारा इस प्रस्ताव को पेश कर बोर्ड की सहमति ले ली है.प्रस्ताव पारित होने के बाद सभी व्यावसायिक भवनों के मालिकों को आगामी वित्तीय वर्ष से प्रति एक हजार लीटर पानी के लिए 32 रुपये तक यूजर चार्ज भी देना पड़ सकता है. इस तरह पानी की दरें भी प्रस्तावित कर दी गई हैं. इस प्रस्ताव को लागू करने की रूपरेखा तैयार करने के लिए अधिकारियों और पार्षदों की संयुक्त कमेटी गठित की जाएगी.