(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्क्रैप स्कीम लागू की गई थी, जिसके अंतर्गत गाजियाबाद में भी स्क्रैप सेंटर खोला गया था. स्क्रैप सेंटर में राज्य या राज्यों की बाहर की गाड़ी को काटा जा रहा है. इसके साथ ही कार मलिक को सर्टिफिकेट भी दिया जा रहा है, जिससे कि नया वाहन खरीदने पर छूट के साथ टैक्स में भी फायदा हो सके. लेकिन लोगों के अंदर निजी स्क्रैप केंद्रों के प्रति ज्यादा झुकाव है. वहां ज्यादा पैसे दिए जाते हैं.
दरअसल, मोरटा में सरकार द्वारा स्वीकृत सरल ऑटो स्क्रैपिंग सेंटर पर पुरानी कार 25 हजार में बिक रही है. जबकि निजी तौर पर कबाड़ी उसको 40 हजार से भी ज्यादा कीमत में खरीदने को तैयार हैं. यही वजह कि सेंटर के अप्रैल में शुरू के बावजूद अभी तक यहां मियाद खत्म हुए केवल 350 वाहनों को ही स्क्रैप कराया गया है. जिसमें भी 200 वाहन सरकारी विभागों के है. शेष 150 वाहनों में भी बाइकों की संख्या 100 से ज्यादा है. जबकि हाल ही में एआरटीओ कार्यालय ने 10 और 15 साल पुराने 1.52 लाख वाहनों का पंजीकरण रद्द किया है.
मिलता है प्रमाणपत्र
एआरटीओ प्रशासन राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि व्यक्ति को अपना वाहन सरकारी स्क्रैप सेंटर पर ही बेचना चाहिए. ऐसा करने से कई प्रकार के फायदे मिलते हैं, जिसमें पंजीयन शुल्क में राहत, टैक्स में छूट और उचित स्क्रैप वैल्यू भी मिलती है. गाजियाबाद में फिलहाल एक स्क्रैप केंद्र कार्यरत है.
सरकारी विभागों में 5000 से ज्यादा वाहन
नगर निगम, पुलिस-प्रशासन और स्वास्थ्य, परिवहन समेत तमाम विभागों में पांच हजार से ज्यादा वाहन पंजीकरण रद्द होने के बाद भी संचालित हो रहे हैं. डीएम की अध्यक्षता में 30 अक्टूबर को बैठक भी हो चुकी है. विभाग अधिकारियों को मियाद खत्म हुए को स्वीकृत स्क्रैप सेंटर पर कैंप कराने के आदेश दिए गए थे. कार्यालय से भी सूची मांगी गई है.
