ऑटोमैटिक चालान, फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम, क्राइम कंट्रोल के लिए गाजियाबाद में लगेंगे 273 कैमरे

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(www.arya-tv.com)  शहर के ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए गाजियाबाद में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम यानी ITMS के तहत 41 मुख्य चौराहों पर 273 अत्याधुनिक कैमरे लगाए जाएंगे. इस प्रॉजेक्ट से न केवल ट्रैफिक मैनेजमेंट में सुधार होगा, बल्कि अपराधियों पर भी सख्त नजर रखी जा सकेगी.

कैमरों की क्या होगी खासियत?
इस परियोजना के तहत लगाए जाने वाले कैमरों की खासियत यह है कि ये दिन और रात दोनों समय काम करेंगे. इनमें से 134 कैमरे बॉक्स और बुलेट वाले होंगे, जो रात में भी साफ तस्वीरें कैप्चर कर सकते हैं. इसके अलावा, 41 पैन-टिल्ट-जूम (PTZ) कैमरे लगाए जाएंगे, जिन्हें दूर से नियंत्रित किया जा सकेगा. इन कैमरों के माध्यम से चलती हुई वस्तुओं को भी ट्रैक किया जा सकेगा.

ऑटोमैटिक चालान और फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम
गाजियाबाद में जल्द ही ऑटोमैटिक चालान प्रणाली भी शुरू की जाएगी. इसके लिए 48 ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन) कैमरे लगाए जाएंगे, जो वाहनों की नंबर प्लेट को पढ़ने और उसे डिजिटल रूप में बदलने की क्षमता रखते हैं. खास बात यह है कि इन कैमरों के माध्यम से रात के समय भी वाहनों की नंबर प्लेट को कैप्चर किया जा सकेगा. साथ ही, 50 चौराहों पर फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम भी लगाया जाएगा, जिससे अपराधियों, भगोड़ों, और आतंकवादियों की पहचान करने में सहायता मिलेगी.

कंट्रोल रूम: शहर पर कड़ी निगरानी
नगर निगम मुख्यालय में 2.67 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक कंट्रोल रूम का निर्माण हो रहा है. यह कंट्रोल रूम करीब 288 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला होगा और इसमें दो मंजिला भवन तैयार किया जाएगा. ग्राउंड फ्लोर पर यातायात को नियंत्रित करने के लिए सेंटर बनेगा, जबकि दूसरे तल पर नागरिक सुविधाओं पर नजर रखने के लिए अलग कंट्रोल रूम तैयार किया जाएगा.

जून-जुलाई तक चालान की शुरुआत
नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक ने बताया कि इस प्रॉजेक्ट को पूरी तरह से चालू करने में लगभग आठ महीने का समय लगेगा. वर्तमान में टेक्निकल बिड पूरी हो चुकी है, और जल्द ही फाइनैंशल बिड भी पूरी हो जाएगी. अक्टूबर से इस प्रॉजेक्ट का कार्य शुरू करने का लक्ष्य है, जिससे जून-जुलाई तक ऑटोमैटिक चालान की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.