वार्निंग लेवल से 72cm ऊपर पहुंची गंगा:शुक्लागंज में 300 घर डूबे: घाट पर 20 फीट ऊपर तक बह रहा पानी

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(www.arya-tv.com) यूपी में नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात हैं। नरौरा डैम और हरिद्वार से लगातार छोड़े जा रहे भारी डिस्चार्ज के बाद कानपुर और आसपास के क्षेत्रों के मैदानी इलाकों में पानी बढ़ने लगा है। शुक्लागंज में 300 घर डूब गए हैं। ग्रामीण इलाकों में चैनपुरवा, नत्थापुरवा में बाढ़ का पानी पहुंचने लगा है। गंगा बैराज के पास घाट पर 20 फीट ऊपर तक पानी बह रहा है।

आगरा में यमुना का जलस्तर फिर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है। यहां खतरे का निशान 495 फीट है। गुरुवार सुबह जलस्तर 497 फीट रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के निशान से 2 फीट ज्यादा है।

सहारनपुर में बुधवार देर रात ढ़मोला नदी का पानी जनकपुरी के देवपुरम कॉलोनी में भर गया। घर चार से पांच फीट डूब गए। लोग मकानों में फंसे थे। पुलिस की मदद मांगी तो चीफ फायर ऑफिसर टीम के साथ पहुंचे। लाइफ रिंग, लाइफ जैकेट और रस्से की मदद से सीढ़ी लगाकर दो घर से 6 लोगों को बचाया।

गांव से 10 फीट दूरी पर पहुंचा पानी अ

 गांवों को खाली नहीं कराया गया है। बाढ़ की चपेट में आने वाले नत्थापुरवा गांव से करीब 10 फीट की दूरी पर बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। यहां गांव किनारे घुटनों तक पानी भर गया है।

शुक्लागंज में 300 घर बाढ़ में डूबे
गंगा का जलस्तर शुक्लागंज की ओर उफान पर है। जलस्तर बढ़ने के कारण पश्चिमी क्षेत्र के सैय्यद कम्पाउंड, कर्बला, चंपापुरवा, तेजीपुरवा, शाही नगर, हुसैन नगर, मनसुख खेड़ा के निचले इलाकों में करीब 300 मकानों में बाढ़ का पानी घुस गया है। घरों को खाली कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन की ओर से कर्बला और हुसैन नगर में आवागमन के लिए दो नावें लगाई गई हैं।

सतर्कता बनाए रखने को लेकर ग्रामीणों से  संपर्क
गंगा कटरी के सबसे आखिरी गांव चैनपुरवा में भी बाढ़ का पानी गांव की तरफ बढ़ रहा है। गांव से करीब 8 फीट की दूरी पर पानी पहुंच चुका है। लेकिन, ग्रामीणों का मानना है कि अभी बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है। हालांकि प्रशासन लगातार गांवों में सतर्कता बनाए रखने को लेकर ग्रामीणों के संपर्क में है।