(www.arya-tv.com)कौन बनेगा करोड़पति सीजन 13 को अपना तीसरा करोड़पति मिल गया है। ग्वालियर की गीता सिंह गौर ने अमिताभ बच्चन के शो में एक करोड़ रूपए जीत लिए हैं। बता दें, गीता 53 साल की हैं और एक हाउसवाइफ हैं। दैनिक भास्कर से खास बातचीत के दौरान, गीता ने अपने इस जीत के सफर के बारे में बताया। आइए जानते हैं क्या कहा उन्होंने:
ये पल एक सपने की तरह है
एक करोड़ के जीतने की घोषणा तो हो चुकी है, लेकिन मेरे लिए मानो ये अब भी एक सपने की तरह है। पिछले कई सालों का मेरा सपना पूरा हो गया, मानो मेरी एक तपस्या पूरी हुई, अपनी खुशी को शब्दों में बयान करना वाकई में मेरे लिए बहुत मुश्किल है। ये पल मेरी जिंदगी का सबसे सुनहरा पल है, मैं इसे हमेशा संजोकर रखूंगी।
आगे बढ़ने की भी ख्वाहिश थी
बचपन में रविवार के दिन दूरदर्शन पर एक क्विज शो आता था, जिसे सिद्धार्थ बासु होस्ट किया करते थे उसका नाम था ‘क्विज टाइम’। मैं उस शो का एक भी एपिसोड मिस नहीं करती थी। जब मैं उस शो को देखती थी तब मैं यही सपना देखती थी कि काश मैं भी इस तरह के क्विज शो का हिस्सा बन पाउं। उस वक्त मेरी पढ़-लिखकर बहुत आगे बढ़ने की भी ख्वाहिश थी, नौकरी करने की ख्वाहिश थी, हालांकि जिम्मेदारियों की वजह से उसे पूरा नहीं कर पाई। 19 साल की उम्र में ही मेरी शादी हो गई थी, शादी के बाद की जिम्मेदारियां बढ़ गई थी। मेरी नौकरी करने की ख्वाहिश अधूरी ही रह गई। परिवार अच्छा मिला था, लेकिन कहीं न कहीं अपनी जिंदगी में कुछ कमी महसूस होती थी। तकरीबन 17 साल पहले जब केबीसी का विज्ञापन देखा तो बचपन की यादें फिर से ताजा हो गईं। क्विज शो में खुद को देखने की तमन्ना फिर से जाग गई। मैंने उसी वक्त से इस शो की तैयारी करना शुरू कर दिया था।
मेहनत और लगन से सपने पूरे होते हैं
शुरूआत में मैं लैंडलाइन के जरिए शो में आने की बहुत कोशिश किया करती थी, लेकिन हर कोशिश असफल रही। कई बार दूसरे कर्तव्य की वजह से कोशिश अधूरी रह जाती, लेकिन मैंने हार नहीं मानी थी। घर में जब सभी सो जाते थे तब मैं अपनी तैयारी शुरू करती थी। अलग-अलग किताबें पढ़ती थी, हर दिन पूरा अखबार पढ़ती, न्यूज देखती, हर इवेंट के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की कोशिश करती। ज्ञान बटोरने का एक भी मौका नहीं गवाती थी। हाउसवाइफ होने के नाते कई जिम्मेदारियां थी, लेकिन मैं अपने इस सपने को पूरा करना चाहती थी। कई हाउसवाइफ अपने सपने को बीच में छोड़ देती हैं, मैं उनके लिए आइकन बनना चाहती हूं। उन्हें मोटिवेट करना चाहती हूं कि वो सपने देखना ना छोड़ें। मेहनत और लगन से सपने पुरे होते हैं।