रेप आरोपी पूर्व मंत्री मामले में नया खुलासा:पीड़ित महिला ने कहा- गायत्री प्रजापति निर्दोष

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(www.arya-tv.com)यूपी के पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से बीते शुक्रवार को साढ़े तीन साल में पहली बार दो माह की अंतरिम जमानत मिली है। इसके 48 घंटे के भीतर गायत्री प्रजापति पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला की दूसरी एफआईआर पर एक आरोपी राम सिंह को लखनऊ क्राइम ब्रांच पुलिस ने पकड़ा है। दूसरी एफआईआर साल 2019 में 27 दिसंबर को लिखी गई थी

  • पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को तीन साल में पहली बार लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को दी थी अंतरिम जमानत
  • महिला की दूसरी एफआईआर पर 9 माह पर लखनऊ क्राइम ब्रांच ने राम सिंह नाम के आरोपी को पकड़ा

इसमें चौंकाने वाला मामला सामने आया है। महिला ने गायत्री को रेप मामले में क्लीनचिट देते हुए लिखा है कि सब कुछ राम सिंह राजपूत ने षड्यंत्र के तहत किया। मेरे फर्जी हस्ताक्षर किए और ब्लैकमेल करके बयान दिलवाए थे।

वहीं, गौतमपल्ली थाने में दर्ज मुकदमे की विवेचना कर रहे दरोगा अजीत कुमार का कहना क्या सही है और क्या गलत है? इसका फैसला कोर्ट करेगी।

गिरफ्तार राम सिंह राजपूत ने सब कुछ ब्लैकमेल करके करवाया

एफआईआर में मंत्री सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला ने अब उन्हें एक तरह की क्लीन चिट दे दिया है। महिला की दूसरी एफआईआर में लिखा गया है कि हमीरपुर के अतरौलिया निवासी रामसिंह और उसके साथी दिनेश त्रिपाठी व आशू गौड़ ने बलात्कार किया। आरोपियों के खिलाफ गौतमपल्ली थाने में 17 सितम्बर 2019 को तहरीर दी थी। जिस पर पुलिस ने 27 दिसंबर 2019 को मुकदमा दर्ज किया था। पीड़ित ने तहरीर में आरोप लगाया कि राम सिंह और उसके साथी ने दिल्ली के पहाड़गंज स्थित जिंदल होटल में बलात्कार किया। यही नहीं उसकी नाबालिग बेटी से भी रेप किया और उन्हें बंधक बनाकर रखा गया था।

पूर्व खनन मंत्री से पट्टे का था विवाद

महिला का आरोप है कि राम सिंह और उसके साथियों ने उसकी बेटी को जान से मारने की धमकी देकर पूर्व मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इतना ही नहीं जिस तहरीर पर मेरे हस्ताक्षर बताए जा रहे हैं, उस पर राम सिंह ने डीजीपी ऑफिस में खुद हस्ताक्षर किए हैं। जिसकी विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच कराई जा सकती है। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि मामले के मुख्य आरोपी राम सिंह पूर्व खनन मंत्री पर खनन का पट्टा देने के लिए दबाव डाल रहा था। पट्टा न मिलने पर उसने झांसा देकर मुझे फंसाया। फिर बेटी को कब्जे में लेकर पूर्व मंत्री को फंसा दिया। मैं जब भी विरोध करती तो मुझे और मेरी बेटी को जान से मारने की धमकी देते हुए फोटो वायरल करने की धमकी देता था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था मुकदमा

पूर्व खनन मंत्री पर साल 2016 में सितंबर माह में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केस दर्ज हुआ था। चित्रकूट की 35 वर्षीय महिला ने तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। महिला का आरोप था कि, गायत्री ने चाय मंगाई, जिसमें नशीला पदार्थ मिला था। चाय पीने के बाद वह बेहोश हो गई जिसके बाद गायत्री और उनके आवास पर मौजूद अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंद्र पाल, रूपेश और आशीष शुक्ला ने उसके साथ दुष्कर्म किया। दुष्कर्म के दौरान इन लोगों ने उसका वीडियो बना लिया, जिसे दिखाकर उसे ब्लैकमेल किया गया। महिला के अनुसार पार्क रोड स्थित विधायक आवास पर उससे एक महीने तक दुष्कर्म किया जाता रहा।