(www.arya-tv.com)चित्रकूट की महिला से गैंगरेप और उसकी बेटी के साथ रेप के प्रयास में दोषी ठहराए गए पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को आज MP-MLA कोर्ट सजा सुनाएगी। 10 नवंबर को कोर्ट ने गायत्री के अलावा दो अन्य आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी दोषी ठहराया था। तीनों दोषियों को जेल से लाकर विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय के सामने पेश किया जाएगा। गायत्री प्रसाद सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे।
बर्दाश्त नहीं कर सकी बेटी से छेड़छाड़
महिला ने बताया था कि 2013 में चित्रकूट में गंगा आरती के कार्यक्रम में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति से एक काम के सिलसिले में मिली थी। उसे उसके एक करीबी ने गायत्री से मिलवाया था। इसके बाद गायत्री प्रजापति के लखनऊ आवास पर आने-जाने लगी। उसके साथ अक्टूबर 2014 से जुलाई 2016 तक गैंगरेप किया गया। मंत्री के डर के कारण वह चुप रही। मगर जब आरोपियों ने उसकी बेटी से छेड़छाड़ की कोशिश की तो वह बर्दाश्त नहीं कर सकी। 18 फरवरी 2017 को उसने केस दर्ज कराया था।
हो सकती है उम्र कैद
गैंगरेप केस में गायत्री प्रजापति और अन्य दोषियों को कोर्ट उम्रकैद तक की सजा सुना सकती है। वहीं, नाबालिग से रेप की कोशिश में दोषियों पर पॉक्सो एक्ट भी लगा था। पॉक्सो एक्ट में अधिकतम सजा के लिए उम्रकैद या मृत्युदंड का प्रावधान है। गायत्री प्रजापति 15 मार्च 2017 से जेल में है।
कोर्ट ने पीड़िता को भी कटघरे में खड़ा किया
10 नवंबर को जब गायत्री प्रजापति को दोषी ठहराया तो कोर्ट ने पीड़िता को भी कटघरे में खड़ा किया। बार-बार बयान बदलने के कारण कोर्ट ने पीड़िता और उनके पक्ष के गवाह राम सिंह राजपूत और अंशु गौड़ के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि किस वजह से, किसके प्रभाव में बार-बार बयान बदले गए? इसकी जांच लखनऊ के पुलिस आयुक्त कराएंगे। वहीं, इस केस में 4 आरोपियों चंद्रपाल, विकास वर्मा, रूपेश्वर और अमरेन्द्र सिंह पिंटू को कोर्ट ने निर्दोष माना था।