ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ इजरायल के ड्रोन और हथियारों का इस्तेमाल किया. अब इजरायल ने भारत को हथियारों का ऑर्डर दिया है. इजरायल ने भारत की प्राइवेट कंपनी NIBE Ltd. (पुणे) से यूनिवर्सल रॉकेट लॉन्चर का ऑर्डर दिया है. ये सौदा करीब 17.52 मिलियन डॉलर (करीब 150 करोड़ रुपये) का है.
इजरायल ने NIBE कंपनी से जिन रॉकेट लॉन्चर का सौदा किया है उसकी रेंज करीब 300 किलोमीटर है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर्स का इस्तेमाल किया था.
मुश्किल वक्त में भारत और इजरायल एक-दूसरे के साथ
भारत और इजरायल के सैन्य संबंध किसी से छिपे नहीं रहे हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बेहद करीबी संबंध हैं. यही वजह है कि दोनों देश एक दूसरे के आड़े वक्त में साथ देते हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने इजरायल से लिए हारोप और हारपी ड्रोन का इस्तेमाल किया था. हारोप का इस्तेमाल आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए किया गया था. जबकि एंटी-रेडिएशन हारपी ड्रोन का इस्तेमाल पाकिस्तान की रडार स्टेशन के खिलाफ किया गया था.
पाकिस्तान में इजरायल का हारोप और हारपी ड्रोन ने ढाया था कहर
भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और पाक के गैर-कानूनी कब्जे वाले कश्मीर यानी POK में आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए हारोप लोएटरिंग म्युनिशन का इस्तेमाल किया था. ये कामकाजी ड्रोन थे, जिनमें बम लगे थे. ये दुश्मन के ठिकाने पर बम सहित फट गए थे.
7 मई की शाम को जब पाकिस्तान ने भारत के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन अटैक किए थे, तो उसका बदला लेने के लिए भारत ने अगले दिन यानी 8 मई की सुबह हारपी ड्रोन से पलटवार किया. इन हारपी ड्रोन का इस्तेमाल, लाहौर में पाकिस्तान के रडार स्टेशन को तबाह करने के लिए किया गया था.
पाकिस्तान के मुरीद एयरबेस को इजरायल के रैम्पेज मिसाइल ने किया तबाह
9-10 मई की देर रात भी भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के जिन 11 एयरबेस को तबाह किया था, उनके लिए फ्रांस की स्कैल्प और स्वदेशी ब्रह्मोस के साथ, इजरायल की रैम्पेज मिसाइल का इस्तेमाल किया था. रैम्पेज एक लॉन्ग रेंज प्रेशसियन मिसाइल है, जिसका इस्तेमाल आसमान से जमीन पर मार करने के लिए किया जाता है.
जानकारी के मुताबिक, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के मुरीद एयरबेस पर एक अंडरग्राउंड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को तबाह करने के लिए रैम्पेज का ही इस्तेमाल किया था. इसी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को पाकिस्तान, भारत पर ड्रोन लॉन्च करने के लिए इस्तेमाल कर रहा था.
इजरायल की मदद से DRDO ने तैयार किया है MRSAM
इसके अलावा, सिरसा एयरबेस पर पाकिस्तान ने जिस फतह-2 बैलिस्टिक मिसाइल से अटैक करने की कोशिश की थी, उसे भी भारतीय वायुसेना ने MRSAM मिसाइल से विफल किया था. इस मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) को भारत के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने इजरायल की मदद से ही तैयार किया है.
हमास के हमले के लिए भारतीय कंपनी इजरायल के लिए बना रही 10 हजार ड्रोन
हमास के खिलाफ जंग में भी जब इजरायल को बड़ी संख्या में ड्रोन की जरूरत पड़ी थी, तो पिछले साल गुजरात की एक कंपनी सामने आई थी. ये कंपनी इजरायल के लिए करीब 10 हजार ड्रोन तैयार कर रही है.